पिता दर्द के हिमालय लेकर दौड़ता है रात-दिन...

Webdunia
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष, जिसमें बचपने की गौरेया बनाती है घौंंसला...। पिता अर्थात वह अंगुली, जिसे पकड़कर अपने पांव पर खड़ा होना सीखता है, घुटनों के बल चलने वाला...। पिता अर्थात वह कांधा, जिस पर बैठकर शहर की गलियों से दोस्ती करता है नन्हा मुसाफिर...। 

 
पिता अर्थात एक जोड़ी वह आंख, जिसकी पलकों में अंकुरते हैं बेटे को हर तरह से बड़ा करने के हजारों सपने...। पिता अर्थात वह पीठ, जो बेटे को घुड़सवारी करवाने के लिए तैयार रहती है हरदम...।

पिता अर्थात वह लाठी, जो छोटे पौधे को सीधा करने के लिए खड़ी और गड़ी रहती है साथ-साथ...। पिता अर्थात हाड़-मांस की वह काया, जिसमें पलता है बच्चों का दुलार-संस्कार...। पिता अर्थात वह ईश्वर, जिसका अनुवाद होता है, आदमी की शक्ल में। 

 
वेद की वह पवित्र किताब है पिता, जिसमें लिखी हैं पुरखों के परिचय की ऋचाएं, जिसे पढ़कर जाना जा सकता है मनुष्य का जन्म, जिसकी आंखों में झांककर देखा जा सकता है आदम का रूप। जो अपनी संतान के लिए ढोता है पीड़ाओं का पहाड़, दर्द के हिमालय लेकर दौड़ता है रात-दिन, लेकिन उफ्‌ तक नहीं करता। अपनी नींद गिरवी कर संतान के लिए घर लाता है चुटकीभर चैन। 

कभी राम के वियोग में दशरथ बनकर तड़प-तड़पकर त्याग देता है प्राण, कभी अभिमन्यु के विरह में अर्जुन बन संहार कर देता है कौरवों की सेना का, तो कभी पुत्र मोह में हो जाता है धृतराष्ट्र की तरह नेत्रहीन। पिता वह रक्त जो दौड़ता रहता है संतान की धमनियों में। जो चमकता है संतान के गालों पर और दमकता है उसके माथे पर।

 
पिता साथ चलता है तो साथ देते हैं तीनों लोक, चौदहों भुवन। पिता सिर पर हाथ रखता है तो छोटे लगते हैं देवी-देवताओं के हाथ। पिता हंसता है तो शर्म से पानी-पानी हो जाते हैं हेमंत और बसंत। पिता जब मार्ग दिखाता है तो चारों दिशाएं छोड़ देती हैं रास्ता, आसमान आ जाता है बांहों के करीब और धरती सिमट आती है कदमों के आसपास। 
 
पिता जब नाराज होता है तो आसमान के एक छोर से दूसरे छोर तक कड़क जाती है बिजली, हिलने लगती है जिंदगी की बुनियाद। पिता जब टूटता है तो टूट जाती हैं जाने कितनी उम्मीदें, पिता जब हारता है तो पराजित होने लगती हैं खुशियां। 
 
जब उठता है सिर से पिता का साया तो घर पर एक साथ टूट पड़ते हैं कई-कई पहाड़। पिता की सांस के जाते ही हो जाती है कई की सपनों की अकाल मौत।
Show comments

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

अगला लेख