जैन मुनि योगीन्द्रसागरजी महाराज का समाधिमरण

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तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागरजी महाराज के शिष्य आचार्य योगीन्द्रसागरजी महाराज का 18 मार्च को दोपहर 12.10 मिनट पर सागवाड़ा राजस्थान में देवलोकगमन हो गया। अंतिम संस्कार शाम को पांच बजे योगीन्द्रगिरी पर हुआ जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

आपका जन्म लश्कर, ग्वालियर में 17 फरवरी 1961 को हुआ था। आपने आचार्य सन्मतिसागरजी महाराज से 25 फरवरी 1979 को मुनि दीक्षा ग्रहण की थी। आचार्यश्री गुजराती, मराठी, कन्नड़, संस्कृत एवं प्राकृत भाषा के ज्ञाता थे।

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उन्होंने 138 ग्रंथों की रचना के साथ ही 1200 श्लोक संस्कृत में एवं 3500 दोहों की रचना की थी। आपने 850 भजन, 200 खंड काव्य, 500 से अधिक छंद एवं 650 मुक्तक की रचना भी की थी।

आचार्यश्री योगीन्द्रसागरजी गत वर्ष एक माह के लिए उज्जैन प्रवास पर आए थे। तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागरजी महाराज के शिष्य आचार्य योगीन्द्रसागरजी महाराज समाधिमरण की खबर से जैन समाज में शोक की लहर छा गई।
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