प्रेतबाधा वगैरह दूर करने हेतु

Webdunia
हेतु- प्रेतबाधा वगैरह दूर हो जाती है।

स्त्रीणां शतानि शतशो जनयन्ति पुत्रान्‌ नान्या सुतं त्वदुपमं जननी प्रसूता ।
सर्वादिशो दधति भानि सहस्र रश्मिं प्राच्येव दिग्जनयति स्फुरदंशुजालम्‌ ॥ (22)

सैकड़ों स्त्रियाँ कई पुत्रों का प्रसव करती हैं... पर तुम जैसे पुत्र को और किसी ने जन्म नहीं दिया। सभी दिशाएँ चाहे तारे-नक्षत्र वगैरह को धारण करें... पर सूरज का आविर्भाव तो पूरब की कोख से ही होता है!

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो आगासगामिणं ।

मंत्र- ॐ नमः श्री वीरेहिं जृम्भय जृम्भय मोहय मोहय स्तम्भय स्तम्भय अवधारणं कुरु कुरु स्वाहा।
Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

Shiv Chaturdashi: शिव चतुर्दशी व्रत आज, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगा करियर, संपत्ति, व्यापार में लाभ, जानें 06 मई का राशिफल

06 मई 2024 : आपका जन्मदिन

06 मई 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Forecast May 2024 : नए सप्ताह का राशिफल, जानें किन राशियों की चमकेगी किस्मत (06 से 12 मई तक)