चाणक्य के महिलाओं के बारे में 13 विचार और नीतियां

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चाणक्य ने महिलाओं के बारे में कई बातों का उल्लेख अपनी चाणक्य नीति की पुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकों में भी किया है। इनमें से कई बातों से हम असहमत हो सकते हैं और कई से सहमत। चाणक्य यह यह बातें उस काल की स्थिति और परिस्थिति को देखकर लिखी थी। अब काल बदल चुका है। आओ जानते हैं चाणक्य के महिलाओं के संबंध में विचार।
 
1. धार्मिक : चाणक्य नीति के अनुसार महिलाओं का धार्मिक होना जरूरी है। भगवान, प्रकृति और धर्म पर उसका विश्वास घर को सुरक्षित रखता है। ऐसी महिलाएं अच्छे और बुरे का अंतर तुरंत और आसानी कर लेती हैं। प्रकृति की पूजा करने से संतुलन का ज्ञान होना होता है।
 
2. मृदु भाषी : चाणक्य के अनुसार जिसकी पत्नी मीठा बोलने वाली है वो भाग्यशाली है। ऐसी महिलाएं कहीं भी रहे उसके संबंध सभी से अच्छे रहते हैं और उसी से घर में खुशी रहती है। उसकी सभी तारीफ करते हैं। अत: स्त्री की वाणी बहुत ही मधुर होनी चाहिए। कड़वे वचन नहीं बोलने चाहिए।
 
3. बचत : चाणक्य नीति के अनुसार जो महिला धन संचय करना जानती है उस परिवार पर अचानक विपत्ति आती है तो उसके परिवार को हानि नहीं होती है।
 
4. कलहप्रिय : चाणक्य कहते हैं कि कलहप्रिय महिला के साथ रहने से अच्‍छा है कि उसका त्याग कर दिया जाए क्योंकि उसके साथ रहने से जीवन जहर हो जाता है। ऐसे पति या पत्नी जो हमेशा गुस्से में रहते हो, अपशब्द बोलते हैं और इस वजह से परिवार का माहौल बिगड़ जाता है, ऐसे में इन लोगों का त्याग कर देना ही उचित होता है।
 
5. वेश्या : ऐसे महिला जो वेश्य है उसको धन से मतलब होता है किसी के दु:ख से नहीं। ऐसे महिलओं के समक्ष दु:खों का बखाना करना मूर्खता है।
 
राजा वेश्या यमो ह्यग्निस्तकरो बालयाचको। 
पर दु:खं न जानन्ति अष्टमो ग्रामकंटका:।।- चाणक्य नीति।।(19)।।
अर्थात : राजा, वेश्या, यमराज, अग्नि, चोर, बालक, याचक, और आठों गांव का कांटा, ये दूसरे के दु:ख को नहीं जानते हैं।
 
6. दिए गए दान को न बताएं : किसी भी प्रकार के दान को अपनी पत्नी से भी गुप्त ही रखना चाहिए। कई बार आपकी पत्नी दान पर किए गए खर्च की दुहाई देकर आपको भला-बुरा कह सकती है।
7. अपमान को छुपाकर रखें : चाणक्य कहते हैं कि पति को कभी भी अपने साथ हुए अपमान के बारे में नहीं बताना चाहिए। क्योंकि बाद में जब पति पत्नी के बीच छोटी बात पर भी विवाद होता है तो पत्नी इस अपमान का ताना देन से चूकती नहीं हैं।
 
8. खुद की कमजोरी को न बताएं : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि पति के अंदर कोई कमजोरी है या उसकी कोई कमजोरी है तो उसे अपनी पत्नी को नहीं बताना चाहिए। यदि आपकी पत्नी को आपकी कमजोरी पता चल गई तो वो अपनी बात मनवाने के लिए आपकी कमजोरी पर ही प्रहार करेगी।
 
9. कमाई को न करें उजागर : चाणक्य नीति के अनुसार पत्नी को अपनी कमाई नहीं बताना चाहिए। यदि अगर उसे आपकी कमाई का पता चल जाता है तो वो उस पर भी अधिकार जताते हुए आपके तमाम खर्चे को रोकने का प्रयास करेगी।
 
10. दयावान महिलाएं : कुछ महिलाएं ऐसी भी होती है जिनके आगे उन्हें न चाहते हुए सिर झुकाना पड़ता है। इन महिलाओं में शामिल है- दया और करुणा से भरपूर महिला।
 
11.
अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता।
अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषा: स्वभावजा:।।
अर्थ- झूठ बोलना, अत्यधिक साहस, छल करना, बेवकूफी करना, लालच ये दोष महिलाओं के स्वभाव में जन्म ही होते हैं।
 
 
12.
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः ॥17॥
अर्थात : स्त्री का आहार यानी भूख पुरुषों से दुगनी होती हैं। शर्म यानी लज्जा चार गुना ज्यादा, साहस पुरुष से छ: गुना ज्यादा होता है। इसलिए ही स्त्रियों को शक्ति स्वरूप भी माना गया है। वहीं स्त्रियों में काम इच्छा भी पुरुषों से आठ गुना ज्यादा होती है।
 
13.
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।
अर्थात : राजाओं का बल बाहुबल, शस्त्र और उसकी सेना, ब्राह्मण का बल ज्ञान और ब्रह्म विद्या है लेकिन महिलाओं का बल मधुर वाणी, रूप, शीलता और यौवन है।

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