चातुर्मास क्या है, इन 4 महीने में कैसे करें व्रत का पालन जानिए...

Webdunia
* चातुर्मास में ‍कैसी हो दिनचर्या और खान-पान जानिए 
 
4 जुलाई 2017 से चातुर्मास का आरंभ हो गया, जो 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा। हिन्दू धर्म में व्रत, भक्ति और शुभ कर्म के 4 महीने को 'चातुर्मास' (चौमासा, Chaturmas) कहा गया है।

ध्यान और साधना करने वाले लोगों के लिए ये माह महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्थिति तो सही होती ही है, साथ ही वातावरण भी अच्छा रहता है। चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है।  
 
इन 4 माह को व्रतों का माह इसलिए कहा गया है कि उक्त 4 माह में जहां हमारी पाचनशक्ति कमजोर पड़ती है वहीं भोजन और जल में बैक्टीरिया की तादाद भी बढ़ जाती है। उक्त 4 माह में से प्रथम माह तो सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। इस संपूर्ण माह व्यक्ति को व्रत का पालन करना चाहिए।
 
ऐसा नहीं कि सिर्फ सोमवार को ही उपवास किया और बाकी वार खूब खाया। उपवास में भी ऐसे नहीं कि साबूदाने की खिचड़ी खा ली और खूब मजे से दिन बिता लिया। शास्त्रों में जो लिखा है उसी का पालन करना चाहिए। इस संपूर्ण माह फलाहार ही किया जाता है या फिर सिर्फ जल पीकर ही समय गुजारना होता है। 
 
 
आगे पढ़ें चातुर्मास की विशेष जानकारी... 
 
 

 


उक्त 4 माह में क्या खाएं, इसकी जानकारी नीचे दी जा रही है।
 
उक्त 4 माह हैं- श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक।

चातुर्मास के प्रारंभ को 'देवशयनी एकादशी' कहा जाता है और अंत को 'देवोत्थान एकादशी'।
 
ये नियम पालें :
 
इस दौरान फर्श पर सोना और सूर्योदय से पहले उठना बहुत शुभ माना जाता है। 
 
उठने के बाद अच्छे से स्नान करना और अधिकतर समय मौन रहना चाहिए। 
 
वैसे साधुओं के नियम कड़े होते हैं। दिन में केवल एक ही बार भोजन करना चाहिए।
 
वर्जित कार्य :

उक्त 4 माह में विवाह संस्कार, जातकर्म संस्कार, गृह प्रवेश आदि सभी मंगल कार्य निषेध माने गए हैं।
 
इस व्रत में दूध, शकर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन या मसालेदार भोजन, मिठाई, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया जाता। 
 
श्रावण में पत्तेदार सब्जियां यथा पालक, साग इत्यादि, भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध, कार्तिक में प्याज, लहसुन और उड़द की दाल आदि का त्याग कर दिया जाता है। 

 
Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

19 मई 2024 : आपका जन्मदिन

19 मई 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Chinnamasta jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है छिन्नमस्ता जयंती, कब है और जानिए महत्व

Narasimha jayanti 2024: भगवान नरसिंह जयन्ती पर जानें पूजा के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये 5 अचूक उपाय, धन की होगी वर्षा

अगला लेख