इंटरमिटेंट फास्टिंग और ट्रेडिशनल फास्टिंग में क्या है अंतर?

Webdunia
गुरुवार, 29 जून 2023 (18:54 IST)
Intermittent and Traditional Fasting : फास्टिंग यानी व्रत या उपवास। हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म में व्रत रखने की खास परंपरा है, लेकिन ट्रेडिशनल यानी परंपरागत फास्टिंग को छोड़कर आजकल इंटरमिटेंट फास्टिंग का प्रचलन है। क्या होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग और क्या होती है ट्रेडिशनल फास्टिंग? दोनों को जानने के बाद जानिए दोनों में क्या है अंतर।
 
इंटरमिटेंट फास्टिंग : यह कई प्रकार की होती है। पहला है कि व्यक्ति इसमें डिनर के बाद 18 घंटे तक कुछ भी नहीं खाता और पीता है। यानी सुबह का चाय और नाश्‍ता भी छूट जाता है। कई लोग 16\8 की फास्टिंग कहते हैं यानी 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खानपान, वहीं महिलाओं के लिए 14 से 15 घंटे की सलाह दी जाती है ऐसे में उनके पास 10 घंटे होते हैं। कुछ लोग एक सप्ताह में 24 घंटे कुछ भी नहीं खाते पीते हैं। कुछ लोग सप्ताह में 2 दिन उपवास करते हैं।
 
ट्रेडिशनल फास्टिंग : यह भी कई प्रकार की होती है। जैसे एकाशना या अधोपवास यानी एक समय भोजन करना, पूर्णोपवास यानी 24 घंटे उपवास करना, निर्जला उपवास यानी जिसमें पानी नहीं पिया जाता है। फलाहार, दुग्धोपवास आदि कई प्रकार की परंपरागत फास्टिंग होती है।
इंटरमिटेंट और ट्रेडिशनल फास्टिंग में अंतर:-
  1. इंटरमिटेंट फास्टिंग में में कैलोरी काउंट की जाती है जबकि ट्रेडिशनल में परंपरागत डाइट फॉलो करते हैं।
  2. इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस के लिए रखते हैं जबकि ट्रेडिशनल फास्टिंग का उद्देश्‍य धार्मिक होता है।
  3. इंटरमिटेंट फास्टिंग में समय का विशेष ध्यान रखते हैं जबकि ट्रेडिशनल फास्टिंग में तिथि समाप्ति का।
  4. इंटरमिटेंट फास्टिंग का मकसद भूखा रहना है जबकि ट्रेडिशनल फास्टिंग में भूखे रहने का कोई खास महत्व नहीं है।
  5. इंटरमिटेंट फास्टिंग में जो खाते हैं उसमें न्यूट्रिशन वैल्यू का ध्यान रखते हैं जबकि ट्रेडिशनल फास्टिंग में परंपरागत भोजन करते हैं।
  6. इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान भी है जबकि ट्रेडिशनल फास्टिंग विधिवत की जाए तो कोई नुकसान नहीं है।
  7. इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरु करने के बाद लंबे समय तक लगातर फॉलो करना होता है जबकि ट्रेडिशनल फास्टिंग ओकेजनली होती हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Nanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती? जानें कैसे मनाएं प्रकाश पर्व

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

शमी के वृक्ष की पूजा करने के हैं 7 चमत्कारी फायदे, जानकर चौंक जाएंगे

Kartik Purnima 2024: कार्तिक मास पूर्णिमा का पुराणों में क्या है महत्व, स्नान से मिलते हैं 5 फायदे

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal:14 नवंबर का राशिफल, आज किस पर होंगे ग्रह मेहरबान, पढ़ें 12 राशियां

14 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

14 नवंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्या सिखों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी जा सकते हैं करतारपुर साहिब गुरुद्वारा

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

अगला लेख