आषाढ़ माह में अक्षय पुण्य प्राप्ति के लिए करें इन खास चीज़ों का दान

WD Feature Desk
मंगलवार, 10 जून 2025 (07:22 IST)
Donation in Ashadha Month: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह जल्द ही दस्तक देने वाला है। यह महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान किए गए दान-पुण्य से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। सनातन धर्म में दान को मोक्ष का मार्ग बताया गया है, और जब बात आषाढ़ माह की हो, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं, इस पवित्र माह में किन विशेष चीज़ों का दान करने से आप अपनी किस्मत चमका सकते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

आषाढ़ माह में दान के लिए ये 3 चीज़ें हैं ख़ास:
ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ माह में कुछ विशेष वस्तुओं का दान अत्यधिक फलदायी माना गया है। ये वस्तुएं न केवल आपकी समस्याओं को दूर करने में मदद करती हैं, बल्कि आपके जीवन में सुख-समृद्धि भी लाती हैं:

सरसों का तेल:
सरसों का तेल शनिदेव से संबंधित माना जाता है। आषाढ़ माह में सरसों के तेल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है। यह दरिद्रता दूर कर आर्थिक स्थिति में सुधार लाता है। शनिवार के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या मंदिर में सरसों के तेल का दान करें। चाहें तो दीपक जलाने के लिए भी तेल दे सकते हैं।

2. गुड़:
गुड़ सूर्य और बृहस्पति दोनों ग्रहों से जुड़ा माना जाता है। आषाढ़ माह में गुड़ का दान करने से सूर्य और बृहस्पति दोनों प्रसन्न होते हैं, जिससे मान-सम्मान में वृद्धि होती है और भाग्य का साथ मिलता है। यह पारिवारिक सुख-शांति और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। मंगलवार या रविवार के दिन किसी गरीब व्यक्ति को, या गाय को गुड़ खिलाएं। मंदिर में भी दान कर सकते हैं।

3. नमक:
नमक को राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने वाला माना गया है। आषाढ़ माह में नमक का दान करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है। यह घर से दरिद्रता दूर करने में भी सहायक है। शुक्रवार या शनिवार के दिन साबुत नमक का दान करें। ध्यान रखें कि नमक का दान सीधे हाथों से न करें, बल्कि किसी पात्र में रखकर दें।

दान करते समय इन बातों का रखें ध्यान:
• श्रद्धा और भाव: दान हमेशा पूर्ण श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से करना चाहिए। दिखावा करने से दान का फल नहीं मिलता।
• ज़रूरतमंद को दान: दान हमेशा ऐसे व्यक्ति को करें जिसे उसकी वास्तविक आवश्यकता हो।
• स्वच्छता: दान करते समय अपनी और दान की वस्तु की पवित्रता और स्वच्छता का ध्यान रखें।
• गुप्त दान: यदि संभव हो तो गुप्त दान को प्राथमिकता दें।

आषाढ़ माह: आध्यात्मिक उन्नति और दान का पर्व
आषाढ़ माह वर्षा ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस महीने में भगवान विष्णु के योगनिद्रा में जाने की मान्यता है, जिसे देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस अवधि में शुभ कार्यों और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दौरान किया गया दान सीधा देवी-देवताओं तक पहुंचता है और उसका फल कई जन्मों तक मिलता है। यह माह किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी दौरान वर्षा की शुरुआत होती है, जो फसलों के लिए जीवनदायिनी होती है। इसलिए इस माह में दान का अर्थ केवल भौतिक वस्तुएं देना नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के प्रति संवेदना और कृतज्ञता व्यक्त करना भी है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

5 जुलाई को लेकर क्यों जापान के लोगों में दहशत, क्या नए बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से डर गई है जापानी सरकार

मंगल के सिंह राशि में गोचर से 3 राशि के लोगों को रहना होगा संभलकर

अद्भुत... अलौकिक...अविस्मरणीय! कैसा है श्रीराम दरबार, जानिए इसकी अनोखी विशेषताएं

नीम में शक्ति है शनि और मंगल को काबू में करने की, 10 फायदे

जगन्नाथ मंदिर जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां जाकर जरूर करें ये 5 कार्य

सभी देखें

धर्म संसार

12 जून 2025 : आपका जन्मदिन

12 जून 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्या फिर कहर बरपाएगा कोरोना, क्या है जापानी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी

शीघ्र विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं आजमाएं ये 5 प्रभावी उपाय

अगला लेख