इंदौर में गंगा-जमुनी संस्कृति का अद्भुत नजारा

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हर धर्म, हर समाज ने उठाई कावड़   
 
इंदौर शहर में पहली बार अनूठी और भारत की साझा संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती कावड़ यात्रा आयोजित की गई। इस यात्रा की विशेष बात यह थी कि इसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं पारसी समाज के महिला एवं पुरुषों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। सर्वधर्म समभाव की यह अनोखी यात्रा 'संस्था सांझा संस्कृति' के सौजन्य से संपन्न हुई। 

 
भार‍तीय जनता पार्टी के नेता एवं आयोजक सैम पावरी ने बताया कि मैं मालवा की गौरवमयी धर्मनिरपेक्ष मिलीजुली संस्कृति में पला-बढ़ा हूं। मैं स्वयं पारसी समाज से हूं। श्रावण मास मालवा में आस्था और भक्ति भाव से मनाया जाता है। इस मास में अधिकांश स्थलों पर पारंपरिक कावड़ यात्रा संपन्न की जाती है। हमने इस धार्मिक आयोजन को भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति से जोड़ते हुए अनूठा रूप दिया है।



इस पावन श्रद्धा यात्रा में हजारों की संख्या में विशेष रूप से मुस्लिम तथा अन्य धर्म की बहनें अपने कंधों पर कावड़ लेकर शामिल हुई और एक छोटी सी पदयात्रा के बाद शिवाभिषेक किया गया। माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में यात्रा का सौहार्द्रपूर्ण समापन हुआ। इस अवसर पर शहर के कई गणमान्य और प्रबुद्ध वर्ग के प्रतिनिधि विशेष रूप से मौजूद थे। शहर काजी के अलावा हर धर्म के प्रमुख इस अनूठी यात्रा में शामिल हुए। यात्रा का मिलाजुला संचालन लोरी अली ने वैदिक मंत्रों और इस्लाम की पवित्र आयतों को साथ-साथ पढ़कर अनोखे अंदाज में किया।  


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