Rule of drinking water according to season: भोजन से ज्यादा महत्वपूर्ण है पानी और उसके पात्र का चयन करना। पानी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है हवा। भोजन, पानी और हवा अगर गुणवत्तापूर्ण नहीं हैं तो रोग उत्पन्न होते हैं। पानी से हजारों तरह के रोग होते हैं और इसी से रोगों का निदान भी होता है। आओ जानते हैं कि किस मौसम में पीएं कौन से घड़े का पानी, जानिए सबसे अच्छा पानी कौनसा होता है।
सबसे अच्छा पानी कहां का (where is the best water):
1. बारिश का पानी : आयुर्वेद के अनुसार सबसे अच्छा पानी बारिश का होता है। इस पानी को डायरेक्ट एकत्रित करके रख सकते हैं।
2. नदियों का पानी : बारिश के बाद ग्लेशियर से निकलने वाली नदियों का पानी सबसे शुद्ध और उत्तम होता है। हमारे देश में कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में पानी सबसे शुद्ध पाया जाता है।
3. जलाशय का पानी : इसके बाद झील, तालाब या किसी शुद्ध जलाशय का पानी शुद्ध होता है। दरअसल, नदी और तालाब में पानी बारिश का ही होता है।
4. कुएं और बोरिंग का पानी : जलाशय के बाद बोरिंग का और पांचवां पानी कुएं या कुंडी का सही माना जाता है, परंतु इस पानी को शुद्ध करके और उबालकर पीना जरूरी होता है। पानी खराब लगे तो उबालकर पीएं लेकिन ऑरो का पानी नहीं पीएं, क्योंकि ये पानी की क्वालिटी को बिगाड़ देते हैं।
मौसम के हिसाब करें पानी के पात्र का चयन (Choose the water vessel according to the season):
1. गर्मी का मौसम : प्राचीन भारत के लोग गर्मी के मौसम में मिट्टी के घड़े, मटके या सुराही का पानी ही पीते थे। अब यह प्रचलन सिर्फ गांव तक ही सीमित रह गया है। शहर में तो लोग फ्रिज का पानी पीते हैं, जो कि सबसे घातक है। दरअसल, गर्मी में मिट्टी के घड़े का पानी ही पीना चाहिए, क्योंकि घड़े में पानी की गुणवत्ता और बढ़ जाती है और वह ठंडा भी रहता है। कुछ लोग इस मौसम में चांदी के घड़े में पानी पीने की सलाह भी देते हैं। चांदी में भी पानी शीतल और स्वच्छ रहता है।
2. बरसात का मौसम : बरसात के मौसम में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं इसीलिए इस मौसम में हमारे प्राचीन ऋषि-मुनि तांबे के बर्तन या घड़े में पानी पीने की सलाह देते हैं। तांबा अनावश्यक बैक्टीरिया को मारकर पानी को शुद्ध कर देता है।
3. सर्दी का मौसम : सर्दी के मौसम में सोने के घड़े या बर्तन में पानी पीना चाहिए। इससे शरीर में शीत नहीं जमती है और न ही कफ बढ़ता है। यह सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे मौसमी रोगों से बचाता है। यदि सोने का कोई बर्तन नहीं है, तो पीतल या स्टील के बर्तन में सोने का एक टुकड़ा, अंगूठी, चेन आदि डालकर रखें और फिर उसका पानी पीएं।