शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी को लगाएं ये 12 भोग तो होगी धनवर्षा

अनिरुद्ध जोशी
शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी को यदि ये भोग लगाएंगे तो उनकी कृपा सदा आप पर बनी रहेगी। लेकिन ध्यान रहे कि माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना सदा भगवान विष्णुजी के साथ ही करना चाहिए। लक्ष्मीजी को धन की देवी माना गया है। कहते हैं कि अर्थ बिना सब व्यर्थ है। लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग को लक्ष्मी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए।
 
 
लक्ष्मी भोग
1. केसर भात : पीले रंग के केसर भात भी माता को अर्पित करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है।
2. पीले रंग के मिष्ठान : माता लक्ष्मी को पीले और सफेद रंग के मिष्ठान अर्पित किए जाते हैं।
3. खीर : माता लक्ष्मी को चावल की खीर में किशमिश, चारोली, मखाने और काजू मिलाकर अर्पित करें।
4. हलुआ : शुद्ध घी का हलुआ माता को प्रिय है।
5. ईख (गन्ना) : दीपावली के दिन गन्ना को इसलिए अर्पित किया जाता क्योंकि उनके सफेद हाथी को यह प्रिय है।
6. सिघाड़ा : सिंघाड़ा माता लक्ष्मी को बहुत ही पसंद है। इसकी उत्पत्ति भी जल से होती है।
7. मखाना : जिस तरह माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र से हुई उसी तरह मखाने की उत्पत्ति भी जल से हुई है। मखाना कमल के पौधे से मिलता है।
8. बताशे : पताशा या बताश भी माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। रात्रि की पूजा में इसे अर्पित किया जाता है।
9. नारियल : नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। इसमें सबसे शुद्ध जल भरा रहता है। श्रीफल होने के कारण माता यह बहुत पसंद है।
10. पान : माता लक्ष्मी की पूजा में मीठा पान का बहुत महत्व है। यह प्रसन्नता और समृद्धि का प्रतीक है।
11. अनार : मां लक्ष्‍मी को फलों में अनार बेहद प्रिय है। दीपावली की पूजन के दौरान अनार जरूर अर्पित करें।
12. गुजिया : दीवावली के अक्सर यह बनाई जाती है। 
 
जो कोई भी व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं रहती।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

jhulelal jayanti 2025: भगवान झूलेलाल की कहानी

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

जानिए कब शुरू हो रही है केदारनाथ समेत चार धाम की यात्रा

51 शक्तिपीठों में से एक है कोलकाता का कालीघाट मंदिर, सोने से बनी है मां काली की जीभ

सभी देखें

धर्म संसार

गुड़ी पड़वा के खास मौके पर अपने दोस्तों और प्रियजनों को भेजें ये सौभाग्य और समृद्धि की कामना वाले संदेश

पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा विधि, उपवास रखने के मिलेंगे 10 फायदे

गुड़ी पड़वा के और भी हैं नाम, जानिए अन्य राज्यों में किन नामों से जाना जाता है यह त्योहार?

चैत्र नवरात्रि में करें लौंग के ये अचूक उपाय, माता के आशीर्वाद से मिलेगा हर समस्या से छुटकारा

Navsamvatsar 2082: सिद्धार्थ संवत्सर में सूर्य राजा, बुध धनेश, जानें कैसा होगा विश्व के लिए हिन्दू नववर्ष

अगला लेख