Mithun Sankranti 2021 :मिथुन संक्रांति 2021 पर धरती मां की कहानी कर देगी हैरान

Webdunia
प्रकृति ने महिलाओं को मासिक धर्म का वरदान दिया है,इसी वरदान से मातृत्व का सुख मिलता है ...मिथुन संक्रांति कथा के अनुसार जिस तरह महिलाओं को मासिक धर्म होता है वैसे ही भूदेवी या धरती मां को शुरूआत के तीन दिनों तक मासिक धर्म हुआ था जिसको धरती के विकास का प्रतीक माना जाता है। तीन दिनों तक भूदेवी मासिक धर्म में रहती हैं वहीं चौथे दिन में भूदेवी जिसे सिलबट्टा भी कहते हैं उन्हें स्नान कराया जाता है।
 
इस दिन धरती माता की पूजा की जाती है। उडीसा के जगन्नाथ मंदिर में आज भी भगवान विष्णु की पत्नी भूदेवी की चांदी की प्रतिमा विराजमान है। 15 जून 2020 को  जानिए मिथुन संक्रांति का मुहूर्त
 
पुण्यकाल मुहूर्त :  दोपहर : 11:52 से 18:16
महा पुण्यकाल मुहूर्त 11:52 से 12:16
संक्राति समय -दोपहर : 11: 52
 
मिथुन संक्रांति पूजा विधि
 
1.मिथुन संक्रांति के दिन सिलबट्टे को भूदेवी के रूप में पूजा जाता है। सिलबट्टे को इस दिन दूध और पानी से स्नान कराया जाता है।
 
2.इसके बाद सिलबट्टे पर चंदन, सिंदूर, फूल व हल्दी चढ़ाते हैं।
 
3.मिथुन संक्रांति के दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
 
4..मिथुन संक्रांति के दिन गुड़, नारियल, चावल के आटे व घी से बनी मिठाई पोड़ा-पीठा बनाया जाता है।
 
5. इस दिन किसी भी रूप में चावल ग्रहण नहीं किए जाते हैं।
 
काम की बात
- सूर्य देव 15 जून 2020 को मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं
- इस में सूर्य की स्थिति उत्तम मानी जाती है
- इस बार सूर्य के साथ मंगल बुध और राहु भी विद्यमान होंगे
- और इनपर शनि की दृष्टि भी होगी
- सूर्य, मंगल, बुध और राहु के साथ शनि का ये सम्बन्ध राजनैतिक और सामजिक रूप से समस्याएं दे सकता है
- विपरीत स्वभाव के ग्रहों का सम्बन्ध विचित्र परिणाम पैदा करेगा
-प्रकृति ने महिलाओं को मासिक धर्म का वरदान दिया है
 
- इस वरदान से मातृत्व का सुख मिलता है
 
- धरती मां को शुरुआत के तीन दिनों तक मासिक धर्म हुआ था
 
- इस पर्व को धरती के विकास का प्रतीक माना जाता है
 
- तीन दिनों तक भूदेवी मासिक धर्म में रहती है
ALSO READ: पृथ्वी हमारी माता है जानिए पौराणिक कथा धरती की 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख