भगवान की प्राण प्रतिष्ठा संभव ही नहीं है, यह लेख आपको चौंका देगा

पं. हेमन्त रिछारिया
पंडितजन कहते हैं कि हम भगवान की प्रा‍ण-प्रतिष्ठा कर रहे हैं। भगवान की प्राण प्रतिष्ठा? कितनी आश्चर्य की बात है कि जो परमात्मा इस जगत के समस्त प्राणियों में प्राणों का संचार करता है, हम उस परमात्मा की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं। मेरे देखे यदि गलत शास्त्र हाथों में पड़ जाए तो शस्त्र से भी अधिक खतरनाक साबित हो जाता है। 
 
यदि कोई नर, नारायण के प्राणों की प्रतिष्ठा करने में सक्षम हो जाए तो वह नारायण से बड़ा हो जाएगा, क्योंकि जन्म देने वाला सदा ही जन्म लेने वाले से बड़ा होता है इसलिए अपनी नर लीलाओं में स्वयं नारायण भी अपने जन्म देने वाले माता-पिता के आगे झुके हैं। ये बड़ी गहरी बात है।
 
शास्त्रों में किसी पाषाण प्रतिमा अथवा पार्थिव मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बहुत सांकेतिक है। यहां प्राण प्रतिष्ठा से आशय केवल इतना ही है कि एक न एक दिन हमें अपने इस पंच महाभूतों से बने देह मंदिर में उस परमात्मा का जो इसमें पहले से ही उपस्थित है, साक्षात्कार कर प्रतिष्ठित करना है। मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का उपक्रम करना इसी बात का स्मरण मात्र है।
 
खाली दिमाग भगवान का घर
 
एक पुरानी कहावत है- 'खाली दिमाग शैतान का घर।' यह बात ही गलत है। मेरे अनुसार खाली दिमाग तो भगवान का घर होता है, बशर्ते वह पूर्णरूपेण खाली हो और खाली होने की तरकीब है- 'ध्यान'। लोगों के ध्यान के बारे में अनेक प्रश्न होते हैं, जैसे ध्यान क्या है, कैसे किया जाता है, आदि। इन सभी प्रश्नों का एक ही उत्तर है- खाली होना। दिल से, दिमाग से, विचार से, सब ओर से पूर्णरूपेण खाली हो जाना।
 
जब आप अपने इन पंच महाभूतों से निर्मित नश्वर शरीररूपी पात्र को खाली करने में सक्षम हो जाते हैं, तब इस पात्र में परमात्मारूपी अमृत उतरता है। इस अनुभूति को विद्वतजन विलग-विलग नाम देते हैं। कोई इसे ईश्वरानुभूति कहता है, कोई ब्रह्म साक्षात्कार, कोई बुद्धत्व, कोई कैवल्य, कोई मोक्ष, तो कोई निर्वाण, सब नामों के भेद हैं।
 
आप चाहें तो कोई नया नाम दे सकते हैं किंतु जो अनुभूत होता है, वह निश्चय ही शब्दातीत और अवर्णनीय है।
 
नोट : इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण वेबदुनिया के नहीं हैं और वेबदुनिया इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
 
-ज्योतिर्विद् पं हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
साभार : ज्योतिष : एक रहस्य

ALSO READ: लाल किताब की ये 10 बातें यदि मान लीं, तो देवता खुद करेंगे मदद

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

अगला लेख