वर्तमान समय में हनुमान जी की प्रासंगिकता

सुशील कुमार शर्मा
शनिवार, 12 अप्रैल 2025 (15:59 IST)
Jai Bajrangbali Hanuman ji: आज का युग विज्ञान और तकनीक की अभूतपूर्व प्रगति का समय है, परंतु इसके साथ ही यह युग चिंता, भय, असुरक्षा, भटकाव और मानसिक तनाव का भी युग बन गया है। भौतिक उपलब्धियों की भरमार होने के बावजूद मनुष्य का आंतरिक जीवन शून्य होता जा रहा है। ऐसे में हनुमान जी का चरित्र न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि नैतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन की दिशा में भी अत्यंत प्रासंगिक बन गया है।
 
हनुमान जी शक्ति और भक्ति के अद्वितीय संगम हैं। उनका जीवन बताता है कि केवल बल से नहीं, बल्कि भक्ति, निष्ठा और सेवा से भी असंभव कार्यों को संभव किया जा सकता है। जब आज का मनुष्य स्वार्थ, अहंकार और प्रतिस्पर्धा की दौड़ में थक गया है, तब हनुमान जी की निष्काम सेवा भावना उसे आत्मिक शांति की ओर ले जा सकती है।

उन्होंने अपने जीवन में कभी भी अपने बल और सामर्थ्य का घमंड नहीं किया, अपितु उसे राम कार्य में समर्पित किया। यही गुण आज के नेताओं, कर्मियों, और युवाओं में अत्यंत आवश्यक है।
 
हनुमान जी का ब्रह्मचर्य, आत्मसंयम और विचारों की पवित्रता आज के समाज में विशेष आदर्श के रूप में प्रस्तुत होती है। जब युवा पीढ़ी दिशाहीनता और आकर्षणों में उलझी हुई है, तब हनुमान जी की चरित्र-निर्माण की प्रेरणा उन्हें अनुशासन, समर्पण और साधना का मार्ग दिखाती है।
 
वर्तमान समय में 'संकटमोचन' के रूप में हनुमान जी की प्रासंगिकता अत्यधिक बढ़ गई है। जब व्यक्ति स्वयं को असहाय महसूस करता है, तब आस्था और श्रद्धा का सहारा ही उसे शक्ति प्रदान करता है। 'हनुमान चालीसा' का पाठ मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा देता है। कोरोना महामारी के समय यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि लोगों ने भय और अनिश्चितता से निपटने के लिए आध्यात्मिक आश्रय को अपनाया और हनुमान जी का नाम एक बल के रूप में उभरा।
 
हनुमान जी का चरित्र सामाजिक समरसता और सहयोग का संदेश भी देता है। वे केवल राम के सेवक ही नहीं, बल्कि समस्त मानवता के रक्षक हैं। उनकी विनम्रता, साहस और सेवा भावना हमें बताती है कि किसी भी संगठन या समाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए नेतृत्व से अधिक सेवा और समर्पण आवश्यक है।
 
आज जब हमारा समाज धार्मिक उग्रता, मानसिक विभाजन और मूल्यहीनता की चुनौतियों से जूझ रहा है, तब हनुमान जी जैसे आदर्श चरित्रों की ओर लौटना समय की आवश्यकता है। वे हमें यह सिखाते हैं कि धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सदाचार, कर्तव्य और सेवा का नाम है।
 
इस प्रकार हनुमान जी न केवल अतीत की एक पौराणिक विभूति हैं, बल्कि वे वर्तमान और भविष्य के लिए भी प्रेरणा, मार्गदर्शन और आश्रय के स्तंभ हैं। उनके आदर्शों को जीवन में अपनाकर हम व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से एक सशक्त, संतुलित और समर्पित जीवन जी सकते हैं।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: जानें 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा 30 मई का दिन (पढ़ें अपनी राशि)

POK कब बनेगा भारत का हिस्सा, जानिए सटीक भविष्यवाणी

30 मई 2025 : आपका जन्मदिन

30 मई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

इस चमत्कारी मंदिर में शकर चढ़ाने से ठीक हो जाती है डायबिटीज, भक्तों की लगती है कतार

अगला लेख