प्रभु के चरणों में है समस्याओं का समाधान

Webdunia
* धर्म से बढ़ती है पुण्य की पूंजी

धर्म के द्वारा पुण्य की पूंजी बढ़ाई जा सकती है। निर्मल और पवित्र मन से भक्ति करने से भगवान के चरणों में स्थान पाया जा सकता है। 
 
जब प्यास लगती है, तभी पानी का महत्व समझ मे आता है, ठीक उसी प्रकार भगवान के श्रीचरणों में स्थान प्राप्त करने के लिए हृदय से प्रभु को स्मरण करने की आवश्यकता है। किसी ने भगवान को देखा तो नहीं है, लेकिन भगवान की कथा सुनने मात्र से ही मन के सारे विकार नष्ट हो जाते हैं। 
 
जिसे भक्ति का एक बार स्वाद मिल गया, वह भगवान की भक्ति में दिन-रात लीन हो जाता है। जिस क्षण व्यक्ति हृदय से भगवान से जुड़ जाता है, उसी क्षण से वह प्रसन्नचित हो जाता है। इसीलिए कहा गया है कि भगवान के श्रीचरणों में ही सारे समस्याओं का हल है। 
 
जैसे जल का आधार समुद्र है, ठीक उसी तरह जीवों का आधार परमात्मा है। भगवान को प्रसन्न करने के लिए केवल समर्पण की आवश्यकता है। जीवन को सार्थक बनाने के लिए सत्संग से जुड़ना अनिवार्य है, क्योंकि हमारे सत्कर्म ही हमारी रक्षा करते हैं। हम धर्म से पुण्य की पूंजी बढ़ा सकते हैं, लेकिन पाप की पूंजी तो अपने आप बढ़ती है। जीवन में बिना पुण्य के सुख नहीं है। 

 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

अक्षय तृतीया के दिन करें 10 शुभ काम, 14 महादान, पूरे वर्ष बरसेगा धन

भगवान परशुराम ने राम और कृष्ण को क्या दिया?

Akshaya Tritiya tips for wealth: अक्षय तृतीया के 10 सरल उपाय, सालभर बरसाएंगे घर में धन

अक्षय तृतीया पर बनेंगे 3 अद्भुत संयोग, धन और सुख की प्राप्ति के लिए जरूर करें ये उपाय

अक्षय तृतीया पर परशुराम जयंती, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, जानें महीने के अंतिम दिन किन राशियों के चमकेंगे सितारे

30 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

अक्षय तृतीया पर खरीदारी के शुभ मुहूर्त, क्या खरीदें और जानें 5 अचूक उपाय

30 अप्रैल 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया पर क्या खरीदें और क्या नहीं खरीदें?