Biodata Maker

श्री संकष्टी चतुर्थी : धन, धान्य, सुख, संपदा और सफलता के श्री गणेश मंत्र

Webdunia
प्रस्तुति : डॉ. मनस्वी श्रीविद्यालंकार
 
भगवान गणेश सबसे सरल और सुखदायक देवता हैं। उन्हें आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। मनोवांछित फल प्राप्त करने हेतु संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के सामने अथवा किसी मंदिर में अथवा किसी पुण्य क्षेत्र अथवा भगवान श्री गणेश के चित्र या प्रतिमा के सम्मुख बैठकर अनुष्ठान कर सकते हैं। अनुष्ठानकर्ता पवित्र स्थान में शुद्ध आसन पर बैठकर विभिन्न उपचारों से श्री गणेश का पूजन करें।
 
श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनोवांछित फल प्रदान करने वाले स्तोत्र का श्री संकष्टी चतुर्थी पर कम से कम 21 बार पाठ करें। यदि अधिक बार कर सकें तो श्रेष्ठ। प्रातः एवं सायंकाल दोनों समय करें, फल शीघ्र प्राप्त होता है।
 
विघ्नों के नाश व मंगल विधान के लिए मंत्र 
 
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌।
(पद्म पु. पृ. 61।31-33)
 
'गणपति, विघ्नराज, लम्बतुण्ड, गजानन, द्वैमातुर, हेरम्ब, एकदन्त, गणाधिप, विनायक, चारुकर्ण, पशुपाल और भवात्मज- ये बारह गणेशजी के नाम हैं। जो प्रातःकाल उठकर इनका पाठ करता है, संपूर्ण विश्व उनके वश में हो जाता है तथा उसे कभी विघ्न का सामना नहीं करना पड़ता।'
 
मोक्ष प्राप्ति के लिए मंत्र 
 
परमं धामं, परमं ब्रह्म, परेशं परमेश्वरं 
विघ्ननिघ्नं करं शांतं पुष्टं कांतमनंतकम 
सुरा सुरेंद्रे सिद्धेन्द्रे स्तुतं स्तो‍मि परात्परम 
सुर पद्म दिनेशं च गणेशं मंगलाय नम: 
इदं स्तोत्रं महापुण्यं विघ्नशोक हरं परम 
यह पठेद् प्रातरुत्थाय सर्व विघ्नात् प्रमुच्यते। 
 
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए मंत्र 
 
ॐ नमो विघ्नराजाय, सर्वसौख्य प्रदायिने 
दुष्यारिष्ट विनाशाय पराय परमात्मने 
लंबोदरं महावीर्यं, नागयज्ञोपज्ञोभितम 
अर्धचंद्र धरम देहं विघ्नव्यूह विनाशनम्
ॐ ह्रां, ह्रीं ह्रुं, ह्रें ह्रौं हेरंबाय नमो नम: 
सर्व सिद्धिं प्रदोसि त्वं सिद्धि बुद्धि प्रदो भवं 
चिंतितार्थं प्रदस्तवं हीं, सततं मोदक प्रियं 
सिंदूरारुण वस्त्रैश्च पूजितो वरदायक: 
इदं गणपति स्तोत्रं य पठेद् भक्तिमाननर: 
तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीं निर्मुंजति। 
 
संतान प्राप्ति के लिए मंत्र 
 
ॐ नमोस्तु गणनाथाय, सिद्धिबुद्धि युताय च 
सर्व प्रदाय देहाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च 
गुरुदराय गरबे गो पुत्रे गुह्यासिताय ते 
 गोप्याय गोपिता शेष, भुवनाय चिदात्मने 
विश्व मूलाय भव्याय, विश्व सृष्टि कराय ते 
नमो नमस्ते सत्याय, सत्यपूर्णाय शुंडिने 
एकदं‍ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम: 
प्रपन्न जन पालाय, प्रणतार्ति विनाशिने 
शरणंभव देवेश संतति सुदृढ़ां कुरु  
भविष्यंति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक: 
ते सर्वे तव पूजार्थं नि‍रता: स्युर्वरोमत: 
पुत्र प्रदं इदंस्तोत्रं सर्वसिद्धिप्रदायकम।  
 
धन, धान्य, विघ्न नाश व समस्त सिद्धि-नवनिधि के लिए 
 
मंगलम श्री गणेशाय माया पुत्राय मंगलम 
वल्लभाश्लिष्ट गात्राय वक्रतुंडाय मंगलम्
रमा रमेश रुपाय, गिरिजा गिरिजात्मने
रति कंदर्प रुपाय भुवराहाय मंगलम्
सृष्टि स्थिति विहाराय विघ्नराजाय मंगलम्
सिद्धि बुद्धि समेताय सुमुखायस्तु मंगलम्
स्थूल सूक्ष्म स्वरूपाय शूर्प कर्णाय मंगलम्
शूंडा मंडित तुंडाय सुंदरायास्तु मंगलम्
गिरिजा प्रिय पुत्राय गजवक्त्राय मंगलम्
वरदाभय हस्ताय प्राणनाथाय मंगलम्
कल्याण गुण पूर्णाय धर्म कामार्थ दायिने
करूणामृत निष्यंद कटाक्षायास्तु मंगलम्
सिंदूरारूण देहाय ज्येष्ठराजाय मंगलम्
विघ्नराति भयघ्नाय विश्वनाथाय मंगलम्
सप्त कोटि महामंत्र विघ्नहायास्तु मंगलम्
विघ्नेशस्य पठेन्नित्यं मंगलाष्टकम् मुत्तमम्
विघ्न सिद्धि धनं धान्यं श्रेय श्रियं वाप्नुयात्।।
 
करें उपाय
 
विवाह के लिए : ॐ ग्लौम गणपतयै नमः की 11 माला तथा गणेश स्तोत्र का पाठ करें। मोदक का भोग लगाएं।
 
भूमि प्राप्ति के लिए : संकटनाशन गणेश स्तोत्र एवं ऋणमोचन मंगल स्तोत्र के 11 पाठ करें।
 
भवन के लिए : श्रीगणेश पंचरत्न स्तोत्र एवं भुवनेश्वरी चालीसा अथवा भुवनेश्वरी स्तोत्र का पाठ करें।
 
संपत्ति प्राप्ति के लिए : श्री गणेश चालीसा, कनकधारा स्तोत्र तथा लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
 
धन-समृद्धि के लिए : धनदाता गणेश स्तोत्र का पाठ तथा कुबेर यंत्र के पाठ के साथ ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः मंत्र की 11 माला करें।
 
नौकरी प्राप्ति के लिए : विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र पढ़ें। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं

यदि आपका घर या दुकान है दक्षिण दिशा में तो करें ये 5 अचूक उपाय, दोष होगा दूर

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख पर '94' लिखने का रहस्य: आस्था या अंधविश्‍वास?

Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?

सभी देखें

धर्म संसार

Dev Diwali 2025: वाराणसी में कब मनाई जाएगी देव दिवाली?

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (04 नवंबर, 2025)

04 November Birthday: आपको 04 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 04 नवंबर, 2025: मंगलवार का पंचांग और शुभ समय

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले दीपदान या स्नान-दान की संपूर्ण विधि

अगला लेख