संकष्टी चतुर्थी : क्या हर युग में रूप बदलते हैं भगवान श्री गणेश

Webdunia
शास्त्रों और पुराणों में सिंह, मयूर और मूषक को गणेश जी का वाहन बताया गया है। गणेश पुराण के क्रीडाखण्ड (1)- में उल्लेख है कि सतयुग में गणेशजी का वाहन सिंह है। वे दस भुजाओं वाले, तेजस्वरूप तथा सबको वर देने वाले हैं और उनका नाम विनायक है। 
 
त्रेता युग में उनका वाहन मयूर है, वर्णन श्वेत है तथा तीनों लोकों में वे मयूरेश्वर-नाम से विख्यात हैं और छ: भुजाओं वाले हैं। 
 
द्वापर युग में उनका वर्ण लाल है। वे चार भुजाओं वाले और मूषक वाहनवाले हैं तथा गजानन नाम से प्रसिद्ध हैं। 
 
कलयुग में उनका धूम्रवर्ण है। वे घोड़े पर आरूढ़ रहते हैं, उनके दो हाथ है तथा उनका नाम धूम्रकेतु है। 
 
मोदकप्रिय श्रीगणेश जी विद्या-बुद्धि और समस्त सिद्धियों के दाता हैं तथा थोड़ी उपासना से प्रसन्न हो जाते हैं। उनके जप का मन्त्र ॐ गं गणपतये नम: है। 

ALSO READ: श्री संकष्टी चतुर्थी : धन, धान्य, सुख, संपदा और सफलता के श्री गणेश मंत्र

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लाल किताब के अनुसार मंगल दोष से बचने के 10 अचूक उपाय, फिर निश्चिंत होकर करें विवाह

क्या आप जानते हैं चातुर्मास के समय क्यों योग निद्रा में चले जाते हैं भगवान विष्णु, नहीं होते मांगलिक कार्य

क्या फिर कहर बरपाएगा कोरोना, क्या है जापानी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी

शीघ्र विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं आजमाएं ये 5 प्रभावी उपाय

मांगलिक दोष शुभ या अशुभ, जानें इसके फायदे और ज्योतिषीय उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

4 खतरनाक योग चल रहे हैं, अतिचारी गुरु, खप्पर योग, षडाष्टक योग, कुंजकेतु योग, इसलिए बचकर रहें ये 5 लोग

कैसे और कब करें यात्रा शुरू, जानें 5 शुभ शकुन और क्या करें जब मिले न 'शुभ मुहूर्त'

Aaj Ka Rashifal : इन 4 राशियों के लिए खुशियोंभरा रहेगा दिन, पढ़ें 13 जून का राशिफल

13 जून 2025 : आपका जन्मदिन

13 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख