वैवस्वत मनु कौन थे, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की सप्तमी 6 जुलाई को होगी Vaivaswat Puja

Webdunia
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की सप्तमी को वैवस्वत सूर्य की पूजा की जाती है। अंग्रेजी माह के अनुसार इस बार यह तिथि 6 जुलाई 2022 बुधवार को है। आओ जानते हैं कि कौन थे वैवस्वत मनु।
 
1. 12 आदित्यों में से एक भगवान सूर्य को विवस्वान भी कहा जाता है। इन्हीं विवस्वान और विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा के पुत्र थे वैवस्वत मनु। वैवस्वत मनु को कई जगहों पर श्राद्धदेव या सत्यव्रत भी कहा गया है।
 
2. आषाढ़ शुक्ल सप्तमी को भगवान सूर्य के वरूण रूप की पूजा करने की भी पंरपरा है। इसे सूर्य सप्तमी व्रत भी कहा जाता है। सप्तमी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर भगवान सूर्य को जल चढ़ाकर विशेष पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही व्रत भी रखना चाहिए। इससे बीमारियां दूर होती हैं और दुश्मनों पर जीत मिलती है। भविष्य पुराण में भी भगवान सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व बताया गया है।
 
3. द्रविड़ देश के राजर्षि सत्यव्रत (वैवस्वत मनु) के समक्ष भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में प्रकट होकर कहा कि आज से सातवें दिन भूमि जल प्रलय के समुद्र में डूब जाएगी। तब तक एक नौका बनवा लो। समस्‍त प्राणियों के सूक्ष्‍म शरीर तथा सब प्रकार के बीज लेकर सप्‍तर्षियों के साथ उस नौका पर चढ़ जाना। प्रचंड आंधी के कारण जब नाव डगमगाने लगेगी तब मैं मत्स्य रूप में बचाऊंगा। तुम लोग नाव को मेरे सींग से बाँध देना। तब प्रलय के अंत तक मैं तुम्‍हारी नाव खींचता रहूंगा। उस समय भगवान मत्स्य ने नौका को हिमालय की चोटी ‘नौकाबंध’ से बांध दिया। भगवान ने प्रलय समाप्‍त होने पर वेद का ज्ञान वापस दिया। राजा सत्‍यव्रत ज्ञान-विज्ञान से युक्‍त हो वैवस्‍वत मनु कहलाए। उक्त नौका में जो बच गए थे उन्हीं से संसार में जीवन चला।
 
4. वैवस्वत मनु की शासन व्यवस्था में देवों में 5 तरह के विभाजन थे: देव, दानव, यक्ष, किन्नर और गंधर्व। वैवस्वत मनु के दस पुत्र थे। इल, इक्ष्वाकु, कुशनाम, अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यन्त, करुष, महाबली, शर्याति और पृषध पुत्र थे। इसमें इक्ष्वाकु कुल का ही ज्यादा विस्तार हुआ। इक्ष्वाकु कुल में कई महान प्रतापी राजा, ऋषि, अरिहंत और भगवान हुए हैं। इति।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा शुभकामना संदेश

Navpancham Yog: सूर्य और केतु ने बनाया बेहतरीन राजयोग, इन राशियों की किस्मत के सितारे बुलंदी पर रहेंगे

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Mata lakshmi : माता लक्ष्मी ने क्यों लिया था एक बेर के पेड़ का स्वरूप, जानकर चौंक जाएंगे

Buddh purnima 2024 : गौतम बुद्ध के जन्म की 5 रोचक बातें

Hanuman chalisa: यदि इस तरह से पढ़ते हैं हनुमान चालीसा तो इसका नहीं मिलेगा लाभ

Aaj Ka Rashifal: व्यापार, नौकरी, निवेश में किसे मिलेगा लाभ, जानें 21 मई का राशिफल

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर फल, जानिए किस राशि के लिए शुभ और किसके लिए अशुभ

अगला लेख