Dharma Sangrah

Ashta Lakshmi : वीर लक्ष्मी की पूजा से जीवन के हर क्षेत्र में मिलती है जीत

अनिरुद्ध जोशी
लक्ष्मीजी 8 अवतार बताए गए हैं:- महालक्ष्मी, जो वैकुंठ में निवास करती हैं। स्वर्गलक्ष्मी, जो स्वर्ग में निवास करती हैं। राधाजी, जो गोलोक में निवास करती हैं। दक्षिणा, जो यज्ञ में निवास करती हैं। गृहलक्ष्मी, जो गृह में निवास करती हैं। शोभा, जो हर वस्तु में निवास करती हैं। सुरभि (रुक्मणी), जो गोलोक में निवास करती हैं और राजलक्ष्मी (सीता) जी, जो पाताल और भूलोक में निवास करती हैं।
 
 
अष्टलक्ष्मी माता लक्ष्मी के 8 विशेष रूपों को कहा गया है। माता लक्ष्मी के 8 रूप ये हैं- आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी। आओ जानते हैं कि वीरलक्ष्मी कौन है और माता का मंत्र क्या है।
 
 
वीर लक्ष्मी : 
1. वीर लक्ष्मी योद्धाओं की देवी है। जीवन का युद्ध हो या मैदान का युद्ध दोनों ही जगह यह देवी सहायता करती हैं।
 
2. वीर लक्ष्मी माता की दो भुजा, चार भुजा और अष्टभुजा धारी हैं। द्विभुजा धारी लक्ष्मी इनका एक हाथ अभय मुद्रा में और दूसरा वरद मुद्रा में होता है। 
 
 
इनकी उपासना सौभाग्य के साथ स्वास्थ्य भी देने वाली होती है। चारभुजाधारी लक्ष्मी कमल पर पद्मासन मुद्रा में विराजमान रहती हैं। दो हाथों में कमल व दो हाथ क्रमश: वरद और अभयमुद्रा में होते हैं। इनकी उपासना सौभाग्यवान बना देती है। अष्टभुजा वीरलक्ष्मी मां की आठ भुजाएं हैं। आठ भुजाओं में पाश, गदा, कमल वरद मुद्रा, अभय मुद्रा, अंकुश, अक्ष सूत्र और पात्र होते हैं। मां का यह स्वरूप आयु, संपत्ति, ऐश्वर्य और सभी सुख देने वाला माना गया है। 
 
3. इस देवी की आराधना से कानूनी विवाद में जीत, युद्ध में जीत और रोग से लड़ने में जीत मिलती है। वीर लक्ष्मी की उपासना करने से सौभाग्य के साथ स्वास्थ्य की भी प्राप्ति होती है। 
 
4. वीर लक्ष्मी पूजा के मंत्र : ॐ क्लीं ॐ।।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सिगरेट के साथ ही तंबाकू खाना गाय को खाने के समान क्यों, जानिए कथा कहानी

Adhik Maas: नववर्ष 2026 में होगा 'अधिकमास', जानिए क्या होता है?

International Day of Meditation: विश्व ध्यान दिवस पर क्या करें?, जानें 10 काम की बातें

वर्ष 2026 को सबसे अच्छा बनाने के लिए लाल किताब के 12 अचूक उपाय और 5 नियम

माघ मेला 2026: स्नान की तिथियां और कल्पवास का महत्व जानें

सभी देखें

धर्म संसार

शाकंभरी नवरात्रि कब से हो रही है प्रारंभ, क्या करते हैं इस नवरात्र में?

Surya gochar 2025:सूर्य का मकर राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

Vighneshwar Chaturthi 2025: 23 या 24 दिसंबर, कब रखा जाएगा विघ्नेश्वर चतुर्थी व्रत, जानें पूजन विधि, महत्व और मुहूर्त

श्री श्री रवि शंकर के नेतृत्व में 150 देशों के 1.2 करोड़ लोगों ने किया विश्व का सबसे बड़ा सामूहिक ध्यान

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (23 दिसंबर, 2025)

अगला लेख