पति के बाएं तरफ क्यों बैठती है पत्नी?

Webdunia
अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि पत्नी को पति के बाएं तरफ ही बैठना चाहिए। पत्नी को पति का वामांग ही माना गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है... 
 
पौराणिक आख्यानों के अनुसार ब्रह्माजी के दाएं स्कंध से पुरुष और वाम स्कंध से स्त्री की उत्पत्ति हुई है। यही कारण है कि स्त्री को वामांगी कहा जाता है और विवाह के बाद उसे पति के वाम भाग की ओर बैठाए जाने की परंपरा है।
 
यहां एक बात और विचारणीय है कि जब पुरुष प्रधान धार्मिक कार्य संपन्न किए जाते हैं तो उस समय पत्नी को दक्षिण (दाएं) भाग की ओर बैठाया जाता है। ‍इसके विपरीत स्त्री प्रधान धार्मिक संस्कारों में पत्नी पति के वाम अंग की ओर ही बैठती है।
 
संस्कार गणपति में उल्लेख है कि सिंदूरदान, भोजन, शयन और सेवा में लगी पत्नी को हमेशा पति के वाम भाग की ओर ही रहना चाहिए।
 
आशीर्वाद और ब्राह्मण के पैर पखारते समय भी पत्नी को पति के बाएं ओर रहना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सावन मास के सोमवार को शिवलिंग के रुद्राभिषेक से मिलते हैं ये 5 लाभ

कुंभ राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण, युद्ध का बजेगा बिगुल, समुद्र में उठेगा तूफान, धरती पर आएगा भूकंप

दूसरे सोमवार के दिन कामिका एकादशी का संयोग, व्रत का मिलेगा दोगुना फल, इस तरह से करें उपवास

सावन में इस रंग के कपड़े पहनने की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

आर्थिक तंगी से निजात पाने के लिए सावन में जरूर करें शिव जी का ये उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

20 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

20 जुलाई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

मनोकामना पूरी होने पर कितनी बार करनी चाहिए कावड़ यात्रा?

सावन सोमवार के दिन करें ये 3 ज्योतिषीय उपाय: महादेव करेंगे हर कामना पूरी

सावन के दूसरे सोमवार के दिन हरिहर संयोग और दुर्लभ योग, तुरंत करें ये 3 उपाय

अगला लेख