महाकालेश्वर की शाही सवारी : सजा है पूरा नगर, विशेष तैयारी

सोमवती अमावस्या के विशेष संयोग में महाकाल की सवारी

Webdunia
राजाधिराज बाबा महाकाल की शाही सवारी सोमवती अमावस्या के महासंयोग में निकल रही है। प्रशासन के लिए यह इम्तिहानभरा समय है, लेकिन भक्तों के लिए राजा के दर्शन का अद्भुत संयोग है। वे सोमवार को शिप्रा में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं, साथ ही भगवान महाकाल के दर्शन पाकर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।

प्रशासन ने शाही सवारी को लेकर जोर-शोर से तैयारी की है। पूरे सवारी मार्ग पर सुरक्षा के लिए कैमरे लगाए गए हैं। भारी संख्या में फोर्स सवारी मार्ग की व्यवस्था संभाल रहा है। वहीं प्रजा अगवानी के लिए पलक पावड़े बिछाए हुए है। पूरा सवारी मार्ग दुल्हन की तरह सज गया है। शाही ठाठ-बाट के साथ ही तीनों लोकों के राजा की भव्यता के साथ अगवानी होगी।

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आम सवारी में ही इस बार श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसी को देखते हुए शाही सवारी को लेकर खासे इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने 3 लाख से अधिक लोगों के मान से व्यवस्था के इंतजाम किए हैं।

कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, एसपी अनुराग, मंदिर प्रशासक जयंत जोशी सहित शाही सवारी को चुनौती के रूप में ले रहे हैं। सब इस कोशिश में जुटे हैं कि कहीं कोई कमी न रह जाए। पूरे सवारी मार्ग पर पुलिस प्रशासन की नजर रहेगी। श्रद्धालुओं के साथ कोई घटना नहीं हो, इसके लिए असामाजिक तत्वों पर कैमरे से नजर रखी जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों ने चाक-चौबंद व्यवस्था के लिए विभिन्न विभागों को जवाबदारी सौंप दी है।

सवारी मार्ग को बेरिकेटिंग से सुरक्षित कर लिया गया है, वहीं सवारी मार्ग पर बड़ी तादाद में धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के अलावा अन्य मंच लगाए जा रहे हैं, जहां पुष्पवर्षा के साथ बाबा महाकाल की अगवानी की जाएगी। जगह-जगह प्रसादी का वितरण होगा। इस बार भी सवारी को भव्यता देने के लिए 6 मुखौटे, विभिन्न झांकियां, अखाड़े, भजन मंडलियां आकर्षण का केंद्र होंगी।

सेवादल, स्काउट गाइड के अलावा नगर सुरक्षा समिति, मानसेवी अधिकारी भी सवारी मार्ग पर ड्यूटी देंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए 1 किलोमीटर पहले ही वाहन प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे। यातायात व्यवस्था भी निर्धा‍रित कर ली गई है।

सभी भक्तगण सोमवती अमावस्या के अद्भुत संयोग में भगवान महाकाल के दर्शन का पुण्यलाभ प्राप्त करना चाहते हैं। शाही सवारी की रविवार को फाइनल रिहर्सल की गई थी ताकि कोई कमी न रह जाए।

हर साल की तरह परंपरानुसार सोमवार शाम 4 बजे पालकी-पूजन के साथ बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। विभिन्न मार्गों से होती हुई सवारी रात 10 बजे पुन: मंदिर पहुंचेगी। रामघाट पर शिप्रा के जल से शाही पूजन होगा ।

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