हनुमानजी यहां स्त्री रूप में विराजित हैं, जानिए रहस्य

अनिरुद्ध जोशी
देशभर में हनुमानजी के कई चमत्कारिक मंदिर है और लगभग सभी मंदिर जागृत हैं। प्रत्येक मंदिर से कुछ ना कुछ इतिहास जुड़ा हुआ है। हनुमानजी परम ब्रह्मचारी और ईश्वरतुल्य हैं। हनुमानजी के चमत्कारिक सिद्धपीठों की संख्‍या सैकड़ों में है। उन सभी स्थानों पर हनुमान के मंदिर बने हैं, जहां वे गए थे या जहां वे बहुत काल तक रहे थे या जहां उनका जन्म हुआ। कुछ मंदिर उनके जीवन की खास घटनाओं से जुड़े हैं और कुछ का संबंध चमत्कार से है। उन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ के रतनपुर में स्थित गिरजाबंध हनुमान मंदिर।
 
 
गिरजाबंध हनुमान मंदिर, रतनपुर (छत्तीसगढ़) :
1. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से 25 किलोमीटर दूर रतनपुर में मां महामाया देवी और गिरजाबंध हनुमानजी का मंदिर है। 
 
2. रतनपुर को महामाया नगरी भी कहते हैं। यहां स्थित मंदिर की खास बात यह है कि यहां हनुमान नारी स्वरूप में स्थित हैं। इसके मंदिर की पीछे कई तरह की किंवदंतियां प्रचलित हैं।
 
3. वैसे हनुमान जी के स्‍त्री स्वरूप की पूजा करने के पीछे की कहानी को दस हजार साल पुराना बताया जाता है। किंवदंति अनुसार 10 हजार वर्ष पूर्व रतनपुर के राजा पृथ्वी देवजू ने ये मंदिर बनवाया। कथा के अनुसार राजा कोढ़ के रोगी थे और इस वजह से परेशान रहते थे। एक बार सपने में हनुमान जी ने राजा को नारी रूप में दर्शन देकर सारी तकलीफ दूर करने को कहा और कहा कि मंदिर निर्माण करवाकर और उसमें उनकी प्रतिमा स्‍थापित करो।
 
4. राजा ने मंदिर तो बनवा दिया परंतु मूर्ति कहां से लाएं इस संबंध में विचार करने लगे। तब हनुमानजी के एक बार फिर सपना देकर कहा कि महामाया के कुंड में मूर्ति है। हालांकि अगले दिन वहां मूर्ति नहीं मिली। फिर राजा ने पुन: सपना देखा और सपने में मूर्ति भी नजर आए और पता चला कि घाट के पास वह मूर्ति है। अंतत: राजा को हूबहू वही मूर्ति घाट के पास मिली जिन्हें उन्होंने सपने में देखा था।
 
5. इस दक्षिण मुखी हनुमान जी की मूर्ति में पाताल लोक का चित्रण हैं। यह मूर्ति अष्ट श्र‍ृंगार से युक्त है जिसके बाएं कंधे पर भगवान राम और दाएं कंधे पर लक्ष्मण जी विराजमान हैं। वहीं बाएं पैर के नीचे अहिरावण और दाएं पैर के नीचे कसाई दबा है।  एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डू से भरी थाली है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 84 किलोमीटर दूर रमई पाट में भी एक ऐसी ही मूर्ति स्थापित है। राजा को मिली मूर्ति और रमई पाट की इस मूर्ति में अनेक विशेष समानताएं हैं। जय श्रीराम।
 
6. यहां हनुमानजी की देवी रूप में पूजा होती है और वह भक्त को सुंदरता का वरदान देते हैं और सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यहां आज भी कुंष्ठ रोग से पीड़ित रोग आकर कुंड में डुबकी लगाते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

किचन की ये 10 गलतियां आपको कर्ज में डुबो देगी

धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी के 12 पावरफुल नाम

रात में नहीं आती है नींद तो इसके हैं 3 वास्तु और 3 ज्योतिष कारण और उपाय

मोहिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें शुभ मुहूर्त

32 प्रकार के द्वार, हर दरवाजा देता है अलग प्रभाव, जानें आपके घर का द्वार क्या कहता है

Char Dham Yatra : छोटा चार धाम की यात्रा से होती है 1 धाम की यात्रा पूर्ण, जानें बड़ा 4 धाम क्या है?

देवी मातंगी की स्तुति आरती

Matangi Jayanti 2024 : देवी मातंगी जयंती पर जानिए 10 खास बातें और कथा

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास

Panch Kedar Yatra: ये हैं दुनिया के पाँच सबसे ऊँचे शिव मंदिर

अगला लेख