राजस्थान में हैं बालाजी नाम के दो चमत्कारिक हनुमान मंदिर

अनिरुद्ध जोशी
हनुमानजी के देशभर में हजारों मंदिर है उनमें से सैंकड़ों सिद्ध मंदिर है। राजस्थान में भी हनुमानजी के कई जागृत मंदिर है और उनमें से दो बहुत ही प्रसिद्ध है पहला मेहंदीपुर बालाजी हनुमान मंदिर और दूसरा बालाजी हनुमान मंदिर, सालासर राजस्थान। आओ जानते हैं इन दोनों ही मंदिरों के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
 
1. बालाजी हनुमान मंदिर मेहंदीपुर (राजस्थान) : राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ घाटा मेहंदीपुर नामक स्थान है, जहां पर बहुत बड़ी चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वत: ही उभर आई है जिसे श्रीबालाजी महाराज कहते हैं। इसे हनुमानजी का बाल स्वरूप माना जाता है। इनके चरणों में छोटी-सी कुंडी है जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता।
 
यहां के हनुमानजी का विग्रह काफी शक्तिशाली एवं चमत्कारिक माना जाता है तथा इसी वजह से यह स्थान न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में विख्यात है। यहां हनुमानजी के साथ ही शिवजी और भैरवजी की भी पूजा की जाती है। जनश्रुति है कि यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां पर एक बहुत विशाल चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वयं ही उभर आई थी। इसे ही श्री हनुमानजी का स्वरूप माना जाता है।

 
2. बालाजी हनुमान मंदिर, सालासर (राजस्थान) : हनुमानजी का यह मंदिर राजस्थान के चुरु जिले के गांव सालासर में स्थित है। इन्हें सालासर के बालाजी हनुमान के नाम से पुकारा जाता है। यहां स्थित हनुमानजी की प्रतिमा दाढ़ी व मूंछ से सुशोभित है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और मनचाहा वरदान पाते हैं।
 
इस मंदिर के संस्थापक श्री मोहनदासजी बचपन से श्री हनुमानजी के प्रति अगाध श्रद्धा रखते थे। माना जाता है कि हनुमानजी की यह प्रतिमा एक किसान को जमीन जोतते समय मिली थी जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

जानिए क्यों करवा चौथ पर मिट्टी के करवे से दिया जाता है अर्घ्य

करवा चौथ व्रत के नियम, इस दिन क्या करें और क्या नहीं

Paatal lok : भारत की इस नदी के भीतर है पाताल जाने का रास्ता

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पूजन का संपूर्ण पाना, क्लिक करें

Karva Chauth 2024: करवा चौथ पर इन चीज़ों की खरीद मानी जाती है शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगी व्यापार में सफलता, पढ़ें 18 अक्टूबर का दैनिक राशिफल

दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानिए इस बार क्यों माना जा रहा है सबसे शुभ मुहूर्त

18 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

18 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी कब है, क्यों रखती है इस दिन महिलाएं व्रत, क्या है महत्व?

अगला लेख