51 Shaktipeeth : मां वाराही पंच सागर वाराणसी शक्तिपीठ-36

अनिरुद्ध जोशी
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार मां वाराही पंच सागर वाराणसी शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है।
 
पंचसागर- वराही शक्तिपीठ : पंचसागर (अज्ञात स्थान) में माता की निचले दंत (अधोदंत) गिरे थे। इसकी शक्ति है वराही और भैरव को महारुद्र कहते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह स्थान वाराणसी पंच सागर क्षेत्र में है, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भी एक मंदिर है, जिसका नाम दंतेश्वरी मंदिर है। यहां के लोगों का मानना है कि इस मंदिर के स्थान पर ही सती मां के दन्त गिरे थे। इसी के चलते यह मंदिर एक शक्तिपीठ है। तीसरा मंदिर उत्तराखंड राज्य के लोहाघाट नगर से 60 किलोमीटर दूर देवीधुरा में है। परंतु अधिकतर मत वाराणसी के समर्थन में ही विद्यमान है।
 
वाराणसी के पंच सागर मंदिर में माता का वाराही के रूप में पूजा जाता है। हिन्दू धर्म में वाराही माता को तीनों वर्ग में पूजा की जाती है शक्तिस्म (देवी की पूजा की जाती है), शैवीस्म (भगवान शिव की पूजा की जाती है) और वैष्णवीस्म (भगवान विष्णु की पूजा की जाती है)। पुराणों में भी वाराही का वर्णन किया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा शुभकामना संदेश

Navpancham Yog: सूर्य और केतु ने बनाया बेहतरीन राजयोग, इन राशियों की किस्मत के सितारे बुलंदी पर रहेंगे

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

22 मई 2024 : आपका जन्मदिन

22 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Nautapa 2024 date: 25 मई से 2 जून तक रहेगा नौतपा, रहें सावधान

Chanakya Niti : बिना कारण दूसरों के घर जाने से होंगे 3 नुकसान

Buddh purnima 2024 : गौतम बुद्ध की पूजा करने का क्या है शुभ मुहूर्त

अगला लेख