51 Shaktipeeth : प्रभास चंद्रभागा जूनागढ़ गुजरात शक्तिपीठ-39

अनिरुद्ध जोशी
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार प्रभास क्षेत्र चंद्रभागा शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है।
 
प्रभास- चंद्रभागा : गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित सोमनाथ मंदिर के निकट वेरावल स्टेशन से 4 किमी प्रभास क्षेत्र में माता का उदर/आमाशय गिरा था। इसकी शक्ति है चंद्रभागा और भैरव को वक्रतुंड कहते हैं।
 
गुजरात के प्रभास क्षेत्र में कपिला, हिरण्या एवं सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम के निकट माता शमशान भूमि के निकट सोमनाथ मांदिर के समीप सती के 52 शक्तिपीठों में से एक चंद्रभागा शक्ति पीठ स्थित है। देवी के इस रूप के रक्षण हेतु वक्रतुंड भैरव हमेसा से उनके निकट विराजमान हैं। वर्तमान समय में यह शक्तिपीठ सोमनाथ ट्रस्ट के श्री राम मंदिर के पिछले हिस्से के ओर व हरिहर वन के निकट स्थित है। प्रभास क्षेत्र में ही भालकातीर्थ नामक स्तान पर श्रीकृष्ण ने अपनी देह का त्याग करने वे अपने लोक चले गए थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

किस पेड़ के नीचे से गुजरने के बाद कावड़िये नहीं चढ़ा सकते शिवलिंग पर जल, जानिए नियम

मंगल का कन्या राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल, किसके लिए शुभ और किसके लिए अशुभ

क्यों बजाते है शिवलिंग के सामने 3 बार ताली, जानिए हर ताली के पीछे का अर्थ

जीवन में ये घटनाएं देती हैं कालसर्प दोष के संकेत, जानिए कारण और अचूक उपाय

भगवान शिव के परिवार से हुई है सभी धर्मों की उत्पत्ति, कैसे जानिए

सभी देखें

धर्म संसार

राहु, शनि और गुरु का गोचर 3 राशियों के लिए है बहुत शानदार, साल के अंत तक मिलेगा शुभ समाचार

01 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

01 अगस्त 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

इस बार रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर बांधें इन 4 में से कोई एक परंपरागत राखी, होगा बहुत शुभ

रक्षा बंधन पर इस बार बाजार में आई है ये 5 ट्रेंडी राखियां, जरूर करें ट्राई

अगला लेख