शनिश्चरा मन्दिर, जहां लंका से हनुमानजी ने फेंका था अलौकिक पिण्ड

अनिरुद्ध जोशी
भगवान शनिदेव के कई चमत्कारिक पीठ या कहें कि मंदिर है। महाराष्ट्र के एक गांव शिंगणापुर में उनका खास मंदिर है जहां उनका जन्म हुआ था। उत्तरप्रदेश के कोशी से छह किलोमीटर दूर कौकिला वन में स्थित है सिद्ध शनिदेव का मन्दिर। इसके अलावा मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित है शनिश्चरा मन्दिर। इस मंदिर के बारे में जानते हैं संक्षिप्त जानकारी।
 
 
1. शनिश्चरा मन्दिर के बारे में किंवदंती है कि त्रेतायुग में यहां हनुमानजी के द्वारा लंका से फेंका हुआ अलौकिक शनिदेव का पिण्ड है। इसे शनिदेव का सिद्धपीठ माना जाता है।
 
2. यहां शनिशचरी अमावस्या के दिन मेला लगता है। मंदिर में हर शनिश्चरी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, झांसी, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर सहित मध्यप्रदेश के कोने-कोने से आते हैं। पड़ोस के राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र से भी शनि की शांति के लिए हजारों लोग शनि मेले में दर्शन को आते हैं और दान पुण्य, पूजा-पाठ व हवन यज्ञ व भंडारा करके पुण्य कमाते हैं।
 
3. भक्तजन यहां तेल चढ़ाते हैं, और अपने पहने हुए कपड़े, चप्पल, जूते आदि सभी यहीं छोड़कर घर चले जाते हैं। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पाप और दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है।
 
4. ऐंती का शनिश्चरा मंदिर त्रेतायुगीन होने के कारण पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है। मुरैना जिले में स्थित इस मंदिर की ग्वालियर से मात्र 18 किलोमीटर दूरी है। ऐंती पर्वत पर स्थित यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। 
 
5. मान्यता है कि इस शनि सिद्धपीठ पर जाकर शनि के दण्ड से बचा जा सकता है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

17 मई 2025 : आपका जन्मदिन

17 मई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

पाकिस्तान में क्यों सर्च हो रहे हैं प्रेमानंद महाराज, जानिए उनके बारे में क्या जानना चाहते हैं पाकिस्तानी

ज्येष्ठ मास की अमावस्या और पूर्णिका के दिन इन 3 पेड़-पौधों की पूजा करने से मिलेगा मनचाहा वरदान

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

अगला लेख