Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा करने से मिलते हैं 5 फायदे, होता है सीधा देवताओं से संपर्क

WD Feature Desk
बुधवार, 30 अप्रैल 2025 (16:10 IST)
char dham yatra ka fal : 30 अप्रैल 2025 मंगलवार से छोटा चार धाम की यात्रा प्रारंभ हो गई है। उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा को छोटा चार धाम यात्रा कहते हैं। वैसे बड़े चार धाम के नाम है बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वरम और द्वारिका धाम। छोटा चार धाम में देवात्म हिमालय है। बद्रीनाथ में देवात्माएं रहती हैं। इसलिए यहां जाने का खास महत्व माना गया है।ALSO READ: चार धाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में सबसे पहले कहां जाएं, जानिए यात्रा का रूट
 
देवात्म हिमालय : प्राचीनकाल से ही ऋषि और मुनि हिमालय में तपस्या करने के लिए आते-जाते रहे हैं। आज भी ऐसे कई संत हैं तो हिमालय में रहते हैं। मुण्डकोपनिषद् के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माओं का एक संघ है। इनका केंद्र हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में स्थित है। इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है। बद्रीनाथ के पास से ही देवात्म हिमालय प्रारंभ हो जाता है जो कैलाश पर्वत तक फैला हुआ है। बद्रीनाथ जाने पर व्यक्त सीधे ऋषि मुनियों, देवी और देवाताओं के संपर्क में आ जाता है। इसलिए यहां पर अच्‍छी भावना और भक्ति से जाएंगे तो आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी।
 
क्यों महत्व रखता है छोटा चार धाम : केदारनाथ को जहां भगवान शंकर का आराम करने का स्थान माना गया है वहीं बद्रीनाथ को सृष्टि का आठवां वैकुंठ कहा गया है, जहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में रहते हैं और 6 माह जागते हैं। यहां बदरीनाथ की मूर्ति शालग्रामशिला से बनी हुई, चतुर्भुज ध्यानमुद्रा में है। यहां नर-नारायण विग्रह की पूजा होती है और अखण्ड दीप जलता है, जो कि अचल ज्ञानज्योति का प्रतीक है।
 
केदार घाटी में दो पहाड़ हैं- नर और नारायण पर्वत। विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि की यह तपोभूमि है। उनके तप से प्रसन्न होकर केदारनाथ में शिव प्रकट हुए थे। कहते हैं कि सतयुग में बद्रीनाथ धाम की स्थापना नारायण ने की थी। भगवान केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद बद्री क्षेत्र में भगवान नर-नारायण का दर्शन करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन-मुक्ति भी प्राप्त हो जाती है। इसी आशय को शिवपुराण के कोटि रुद्र संहिता में भी व्यक्त किया गया है।ALSO READ: उत्तराखंड की छोटा चार धाम यात्रा पर जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
चार धाम यात्रा करने से मिलते हैं 10 पुण्य फल:
1. पाप नष्ट होकर जन्म मरण से मिलती मुक्ति: इस यात्रा को करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। एक कहावत है कि 'जो जाए बदरी, वो ना आए ओदरी'। अर्थात जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है, उसे पुन: उदर यानी गर्भ में नहीं आना पड़ता है। शिव पुराण के अनुसार केदारतीर्थ में पहुंचकर, वहां केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन कर जो मनुष्य वहां का जल पी लेता है, उसका पुनर्जन्म नहीं होता है।
 
2. आयु वृद्धि : तीर्थ यात्रा में अक्सर पैदल चलना होता है। पैदल चलने से शरीर सुगठित और पुष्‍ट होता है। जंघा, भुजा, नाड़ी और मांस पेशियां परिपुष्ट हो जाती है। तीर्थ यात्रा करने से व्यक्ति को हर तरह की जलवायु का सामना करना होता है जिसके चलते वह सेहतमंद बनता है और नए नए अनुभव प्राप्त करता है। पहाड़ों पर शुद्ध हवा से नए जीवन का संचार होता है। आयु में वृद्धि होती है।
 
3. आत्मज्ञान के रास्ते खुलते हैं: इसके माध्यम से व्यक्ति देश के संपूर्ण लोगों, उनकी संस्कृति, भाषा, इतिहास, धर्म और परंपरा आदि से परिचित ही नहीं होता बल्कि वह अपने भीतर बौद्धिकता और आत्मज्ञान के रास्ते भी खोल लेता है। तीर्थ यात्रा करने से व्यक्ति में खुद के बारे में, लोगों के बारे में समझने की बुद्धि का विकास तो होता ही है साथ ही उसे अपने जीवन का लक्ष्य और उद्देश्य भी पता चलता है। अक्सर लोग जीवन के अंतिम पड़ाव में तीर्थ यात्रा पर जाते हैं लेकिन जो जवानी में गया समझो उसने ही सबकुछ पाया। वही परिपक्व और अनुभवी व्यक्ति है।
 
4. वंश को जानने का मिलता मौका: तीर्थ पुरोहित, पंडा से मिलकर अपने कुल खानदान को जानता है। तपस्वी, मनस्वी, साधु, संत आदि के आश्रमों में रुकने का मौका मिलता है। उनके आश्रम में नहीं ठहरते हैं तो उनसे मिलने का मौका मिलता है जिसके चलते मानसिक लाभ मिलता है।
 
5. प्रकृति के होते हैं दर्शन, बढ़ता अनुभव: यात्राओं से हम यह देख पाते हैं कि धरती कैसी है, प्रकृति कैसी है, शहर, गांव और कस्बें कैसे हैं। इस यात्रा में बहुत ही सुंदर प्रकृति के दर्शन होते हैं। चारधाम यात्रा से हमें नए-नए अनुभव होते हैं, हमारी स्मृतियां और सोच बढ़ती है। हम शिक्षित होते हैं। बहुत से लोग एक शहर छोड़कर दूसरे शहर घूमते रहते हैं। इससे उन्हें पता चलता है कि कहां क्या मिलता है और कितने में मिलता है। ऐसा करके वे अपने शहर में वह व्यापार शुरू कर सकते हैं जो कि उनके शहर में नहीं होता है। ऐसी भी बहुत सारी बाते हैं जो आपके शहर में नहीं हो रही है। यदि आप यात्रा करेंगे तो पता चलेगा कि आपके शहर, गांव या कस्बे में क्या नहीं हो रहा है। जैसे कुछ लोग अमेरिका से सीखकर यहां आते हैं और अपने शहर को कुछ नया देते हैं। इसी तरह कुछ लोग अपना ज्ञान लेकर विदेश जाते हैं और उन्हें वहां कुछ नया देते हैं।
 
यात्राओं से हमें भिन्न-भिन्न संस्कृति और धर्म की भाषा, भूषा और भोजन का पता चलता है। यात्राओं से ही जान सकते हैं कि लोग कैसे हैं, उनके विचार कैसे हैं और अतत: हम यह निर्णय ले सकते हैं कि हम कैसे हैं। यात्राओं से जीवन में कई तरह के रंग भर जाते हैं। अत: यात्राएं करते रहें। तीर्थ यात्रा के दौरान व्यक्ति अपने देश और धर्म को जानने का प्रयास करता है। 

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