क्या रिश्ता है मां लक्ष्मी और श्री गणेश में, पढ़ें पौराणिक कथा

पं. हेमन्त रिछारिया
विघ्नहर्ता भगवान गणेश शंकर-पार्वती के पुत्र हैं यह बात तो सर्वविदित है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश माता लक्ष्मी के 'दत्तक-पुत्र' भी हैं! पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार लक्ष्मी जी को स्वयं पर अभिमान हो गया कि सारा जगत उनकी पूजा करता है और उन्हें पाने के लिए लालायित रहता है।
 
उनकी इस भावना को भगवान विष्णु समझ गए। भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी का घमण्ड व अहंकार ध्वस्त करने के उद्देश्य से उनसे कहा कि 'देवी भले ही सारा संसार आपकी पूजा करता है और आपको पाने के लिए व्याकुल रहता है किन्तु आपमें एक बहुत बड़ी कमी है। आप अभी तक अपूर्ण हैं।' 
 
जब माता लक्ष्मी ने अपनी उस कमी को जानना चाहा तो विष्णु जी ने उनसे कहा कि 'जब तक कोई स्त्री मां नहीं बनती तब तक वह पूर्णता को प्राप्त नहीं करती। आप नि:सन्तान होने के कारण अपूर्ण है।'
 
 यह जानकर माता लक्ष्मी को बहुत दु:ख हुआ। उन्होंने अपनी सखी पार्वती को अपनी पीड़ा बताई और उनसे उनके दो पुत्रों में से गणेश को उन्हें गोद देने को कहा। माता लक्ष्मी का दु:ख दूर करने के उद्देश्य से पार्वती जी ने अपने पुत्र गणेश को उन्हें गोद दे दिया। तभी से भगवान गणेश माता लक्ष्मी के 'दत्तक-पुत्र' माने जाने लगे। गणेश को पुत्र रूप में पाकर माता लक्ष्मी अतिप्रसन्न हुईं और उन्होंने गणेश जी को यह वरदान दिया कि जो भी मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा मैं उसके पास नहीं रहूंगी। इसलिए सदैव लक्ष्मी जी के साथ उनके 'दत्तक-पुत्र' भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

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-ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

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