जब पत्नी ने दिया शनि को शाप, पढ़ें शनि ग्रह की पौराणिक कथा

Webdunia
शनि, भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। इनकी दृष्टि में जो क्रूरता है, वह इनकी पत्नी के शाप के कारण है। ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन से ही शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे। बड़े होने पर इनका विवाह चित्ररथ की कन्या से किया गया।

इनकी पत्नी सती-साध्वी और परम तेजस्विनी थीं। एक बार पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से वे इनके पास पहुचीं पर शनि श्रीकृष्ण के ध्यान में मग्न थे। इन्हें बाह्य जगत की कोई सुधि ही नहीं थी। पत्नी प्रतीक्षा कर थक गईं तब क्रोधित हो उसने इन्हें शाप दे दिया कि आज से तुम जिसे देखोगे वह नष्ट हो जाएगा। 
 
ध्यान टूटने पर जब शनिदेव ने उसे मनाया और समझाया तो पत्नी को अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ, किन्तु शाप के प्रतिकार की शक्ति उसमें ना थी। तभी से शनिदेव अपना सिर नीचा करके रहने लगे। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके द्वारा किसीका अनिष्ट हो।
 
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यह यदि रोहिणी-शकट भेदन कर दें तो पृथ्वी पर 12 वर्ष का अकाल पड़ जाय और प्राणियों का बचना मुश्किल हो जाय। कहते हैं यह योग राजा दशरथ के समय में आने वाला था। जब ज्योतिषियों ने राजा को इस बारे में बताया तो प्रजा को बचाने के लिए दशरथ नक्षत्रमण्डल में पहुंच गए। वहां जाकर पहले उन्होंने शनिदेव को प्रणाम किया फिर पृथ्वीवासियों की भलाई के लिए क्षत्रिय धर्म के अनुसार युद्ध का आह्वान किया। शनिदेव उनकी कर्तव्यनिष्ठा से परम प्रसन्न हुए और वर मांगने को कहा। राजा दशरथ ने वर मांगा कि जब तक सूर्य, नक्षत्र आदि विद्यमान हैं, तब तक आप शटक-भेदन ना करें। शनिदेव ने उन्हें यह वर देकर संतुष्ट कर दिया।शनि के अधिदेवता प्रजापति ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम हैं। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हिन्दू नववर्ष को किस राज्य में क्या कहते हैं, जानिए इसे मनाने के भिन्न भिन्न तरीके

कब मनेगी ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल, जानिए सही तारीख

नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री की कथा

चैत्र नवरात्रि 2025 पर अपनों को शेयर करें ये विशेस और कोट्स, मां दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन होगा मंगलमय

गुड़ी पड़वा विशेष: गुड़ी पर क्यों चढ़ाते हैं गाठी/पतासे का हार, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

सभी देखें

धर्म संसार

29 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

29 मार्च 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

नवरात्रि में देश के इन पांच दुर्गा मंदिरों में दर्शन का है विशेष महत्व, आप भी लीजिए दर्शन का लाभ

रमजान के पवित्र महीने में क्यों रखे जाते हैं रोजे, जानिए क्यों मनाई जाती है मीठी ईद

चैत्र नवरात्रि में कौन सा रंग पहनें? जानें 9 दिन के 9 रंगों का शुभ महत्व

अगला लेख