शुक्र की एक आंख किसने फोड़ी, पढ़ें पौराणिक कथा

Webdunia
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को नेत्र का कारक कहा गया है। जन्म कुंडली में शुक्र निर्बल,अस्त,6-8-12 वें भाव में पाप युक्त या दृष्ट हो तो जातक को नेत्र दोष होता है। वामन पुराण व स्कन्द पुराण आदि में शुक्र के नेत्र दोष की कथा कही गई है। 
 एक बार दैत्यराज बलि ने गुरु शुक्राचार्य के निर्देशन में एक महान यज्ञ का आयोजन किया। देव इच्छा से भगवान विष्णु वामन रूप में यज्ञ में पधारे तथा बलि से दान की कामना की। शुक्राचार्य ने विष्णु को पहचान लिया और बलि को सावधान किया कि वामन रूप में यह अदिति पुत्र विष्णु है, इन्हें दान का संकल्प मत करना, तुमारा समस्त वैभव नष्ट हो जाएगा। बलि दानवीर थे। उन्होंने अपने गुरु के परामर्श पर ध्यान नहीं दिया। वामन रूप धारी विष्णु ने तीन पग भूमि मांग ली जिसे देने का संकल्प विरोचन कुमार बलि जल से भरा कलश हाथ में ले कर करने लगे। पर कलश के मुख से जल की धारा नहीं निकली। भगवान विष्णु समझ गए कि कुलगुरु शुक्राचार्य अपने शिष्य का हित साधने के लिए सूक्ष्म रूप में कलश के मुख में स्थित हो कर बाधा उपस्थित कर रहे हैं। उन्होंने एक तिनका उठा कर कलश के मुख में डाल दिया जिस से शुक्र का एक नेत्र नष्ट हो गया और उसने कलश को छोड दिया। कलश से जलधारा बह निकली और बलि ने तीन पग भूमि दान का संकल्प कर दिया। अपने दो पगों में ही सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड व लोकों को माप कर तीसरा चरण बलि की इच्छानुसार उसके मस्तक पर रख कर संकल्प पूर्ण किया। बलि के इस विकट दान से प्रसन्न हो कर भगवान विष्णु ने उन्हें रसातल का राज्य प्रदान किया और अगले मन्वन्तर में इंद्र पद देने कि घोषणा की। लेकिन शुक्र तब ही से एकाक्षी हुए। 

Show comments

Mahavir jayanti 2024: भगवान महावीर स्वामी अपने पूर्वजन्म में क्या थे?

Hanuman Jayanti : हनुमान जन्मोत्सव पर उन्हें अर्पित करें 5 तरह के भोग

महावीर जयंती 2024 : जानें महावीर स्वामी के बारे में, जीवन परिचय

चैत्र पूर्णिमा 2024: जीवन का हर काम आसान बनाएंगे श्री हनुमान जी के 10 उपाय

Hanuman jayanti 2024: हनुमान जयंती कैसे मनाएं, जानें नियम और पूजा विधि

22 अप्रैल 2024 : आपका जन्मदिन

22 अप्रैल 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

साप्ताहिक राशिफल 2024: मेष से मीन राशि के लिए क्या लाया है नया सप्ताह (Weekly Forecast 22-28 April)

Shubh Muhurat In April 2024: नए सप्ताह के शुभ एवं मंगलकारी मुहूर्त, (22 से 28 अप्रैल तक)

Aaj Ka Rashifal: अपनी राशिनुसार आजमाएं आज यह शुभ उपाय, पढ़ें 21 अप्रैल का भविष्यफल

अगला लेख