पूतना कौन थी ....

Webdunia
पूतना की कथा हम सब जानते हैं। नन्हे नटखट कान्हा का जीवन लेने के लिए वह अपने स्तनों में जहर लगाकर रूप बदल कर आई थी लेकिन हुआ उल्टा कि वह स्वयं काल कवलित हो गई। पूतना कौन थी ? पूतना कोई साधारण स्त्री नहीं थी। पूर्वकाल में वह राजा बलि की बेटी थी, राजकन्या थी।

भगवान वामन आए तो उनका रूप सौन्दर्य देखकर उस राजकन्या को हुआ कि 'मेरी सगाई हो गई है। काश, मुझे ऐसा ही बेटा हो तो मैं गले लगाऊं और उसको अपना खूब दूध पिलाऊं।' परंतु जब नन्हा मुन्ना वामन विराट हो गया और उसने बलि राजा का सर्वस्व छीन लिया तो वह क्रोधित हो गई "मैं इसको दूध पिलाऊं? नहीं इसको तो मैं जहर पिलाऊं, जहर!'

ALSO READ: कान्हा और कुम्हार की रोचक पौराणिक कथा
 
कालांतर में वही राजकन्या पूतना हुई। संयोग ऐसा बैठा कि विष्णु अवतार कान्हा को दूध भी पिलाया और जहर भी। उसे भगवान ने अपने स्वधाम भेज दिया। तब पूतना कंस द्वारा भेजी गई राक्षसी थी और श्रीकृष्ण को स्तनपान के जरिए विष देकर मार देना चाहती थी। कृष्ण को विषपान कराने के लिए पूतना ने एक सुंदर स्त्री के रूप में वृंदावन जा पहुंची। जैसे ही पूतना ने बालक कृष्ण को स्तनपान कराया। उसी दौरान श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया। इस तरह श्री हरि ने दो अवतारों में पूतना की इच्छा पूर्ण की। 

ALSO READ: जब श्रीकृष्ण ने दिया राधारानी को शाप, पढ़ें अनूठी कथा
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बांके बिहारी मंदिर में सिर्फ जन्माष्टमी पर ही क्यों होती है मंगला आरती, क्या है रहस्य

घर में कुत्ता पालने से कौन-सा ग्रह मजबूत होता है?

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्‍ण को 8 वक्त क्यों लगाएं भोग, जानिए रहस्य

जन्माष्टमी पर अपनाएं श्री कृष्ण नीति के ये 5 गुण, सफलता चूमेगी आपके कदम

जन्माष्टमी के अवसर पर पढ़िए श्रीमद्भागवत गीता के 10 सबसे प्रभावशाली श्लोक और उनके अर्थ

सभी देखें

धर्म संसार

17 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

17 अगस्त 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

निसंतान दंपत्ति के लिए वरदान है संतान सप्तमी का व्रत, जानें कब है संतान सप्तमी और क्यों है खास?

अजा जया एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी के कितने दिन बाद मनाई जाती है राधाष्टमी? जानें तिथि पूजा विधि और महत्व

अगला लेख