गणतंत्र दिवस पर हिन्दी दोहे

Webdunia
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान।
छह दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान॥
 
सब धर्मों को मान दे, रचा गया इतिहास।
इसीलिए हर नागरिक, के अधरों पर हास॥
 
प्रजातंत्र का तंत्र यह, लिए सफलता-रंग।
जात-वर्ग औ क्षेत्र का, भेद नहीं है संग॥
 
पांच वर्ष में हो रहा, संविधान का यज्ञ।
शांतिपूर्ण ढंग देखकर, चौंके सभी सुविज्ञ॥
 
भारत का हर नागरिक, संविधान का मीत।
इसीलिए सबके अधर, विश्वासों का गीत॥
 
पर कुछ नेता भ्रष्ट हो, फैलाते अंधियार।
ऐसे तो मर जाएगा, भारत का उजियार॥
 
इसीलिए हो जागरूक, भारत का हर वीर।
तभी मरेगी वेदना, हारेगी सब पीर॥
 
जो भी बिखरे राह में, चुनने होंगे शूल।
तभी खिलेंगे देश में, उत्थानों के फूल॥
 
शनैः शनैः कितना बढ़ा, देखो भ्रष्टाचार।
पर यदि जनता जागरुक, हो सकता उपचार॥
 
एक बार फिर चेतना, फिर गूंजे उद्घोष।
देश रहेगा स्वस्थ तब, जब हर रक्खे होश॥
 
- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे

ALSO READ: छब्बीस जनवरी पर कविता : गणतंत्र दिवस फिर आया है
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

5वें चरण में 57.40 फीसदी मतदान, बारामूला में टूटा वोटिंग का रिकॉर्ड, जानें कहां कितने प्रतिशत पड़े वोट

वाइस प्रेसिडेंट मुखबेर ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति बने, भारत में 1 दिन का शोक

भीषण गर्मी में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सुस्त रही मतदान की रफ्तार, आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग पर उठाए सवाल

AAP की मुश्किलें बढ़ीं, ED की चार्जशीट में खुलासा अमेरिका, ईरान, यूएई जैसे देशों से मिली करोड़ों की फंडिंग

दिग्विजय सिंह का दावा, I.N.D.I.A. गठबंधन को वैसा ही समर्थन मिल रहा, जैसा 1977 में...

Live : हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

आतिशी का दावा, वोटिंग से पहले भाजपा ने रोका दिल्ली का पानी

रांची के पोल्ट्री फॉर्म में bird flu का प्रकोप, 920 पक्षियों को मारा गया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उत्तर प्रदेश और बिहार के यादव वोटर्स में लगा पाएंगे सेंध?

पुरी में किसको मिलेगा भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद, BJD और BJP में कड़ी टक्कर

अगला लेख