साइना का सपना टूटा, श्रीकांत-सिंधू प्री क्वार्टर फाइनल में

Webdunia
रविवार, 14 अगस्त 2016 (18:58 IST)
रियो डि जेनेरो। गत कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल के रियो ओलंपिक की बैडमिंटन प्रतियोगिता के महिला एकल से रविवार को सनसनीखेज रूप से बाहर हो जाने के बाद पदक के लिए तरसते भारत के जख्मों पर किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधू ने प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर कुछ मरहम लगाया।
       
विश्व की पांचवें नंबर की खिलाड़ी साइना को 61वीं रैंकिंग की यूक्रेन की मारिया यूलिटीना ने लगातार गेमों में 21-18,21-19 से हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। साइना का खेल अपनी लय में नहीं था और उन्होंने काफी गलतियां कीं जबकि उनके मुकाबले यूलिटीना ने कई बार कोर्ट पर घुटने टिक जाने के बावजूद सधे हुए खेल का प्रदर्शन किया और निर्णायक मौकों पर अंक बटोरकर यादगार जीत हासिल कर ली।
          
साइना की हार के बाद निराशा में डूबे भारतीय खेमे में श्रीकांत की जीत ने कुछ खुशी का संचार किया। श्रीकांत ने स्वीडन के हैनरी हर्सकैनेन को 33 मिनट में 21-6,21-18 से पराजित कर प्री क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया जहां उनका मुकाबला ग्रुप जी के विजेता खिलाड़ी से होगा। 
 
ग्रुप जी में डेनमार्क के जान ओ जोर्गेनसन और फ्रांस के ब्राइस लेवरदेज के बीच के मैच का विजेता श्रीकांत से भिड़ेगा। रियो ओलंपिक में पिछले आठ दिनों से एक पदक के लिए तरस रहे भारत की नौवें दिन खौफनाक शुरुआत हुई। सबको उम्मीद थी कि साइना अपना आखिरी ग्रुप मैच जीतकर प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी, लेकिन उन्होंने 39 मिनट चले मैच में घुटने टेक दिए।
                  
साइना ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की और 7-3 तथा 10-8 की बढ़त बना ली लेकिन मारिया ने भारतीय खिलाड़ी को 11-11 की बराबरी जा पकड़ा। मारिया ने फिर 16-15 की बढ़त बनाई लेकिन स्कोर कुछ देर बाद 17-17 से बराबर हो गया। मारिया ने लगातार तीन अंक लेकर 20-17 की बढ़त बनाई और जैसे ही साइना का रिटर्न कोर्ट से बाहर गिरा, मारिया ने यह गेम 21-18 से जीत लिया।
               
दूसरे गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच एक-एक अंक के लिए कड़ा संघर्ष हुआ। 15 अंकों तक दोनों खिलाड़ी बराबर पर थीं। साइना ने फिर 17-15 की बढ़त बनाई लेकिन मारिया ने उन्हें 17-17 की बराबरी पर जा पकड़ा। यूक्रेन की खिलाड़ी ने शानदार स्मैश लगाते हुए 19-18 की बढ़त बनाई, जबकि साइना ने स्कोर 19-19 से बराबर कर लिया।
                  
मारिया के रैकेट से एक और शानदार क्रॉस कोर्ट स्मैश निकला और उन्होंने 20-19 की बढ़त बनाने के बाद यह गेम 21-19 पर समाप्त कर दिया। मारिया इस जीत के बाद घुटनों के बल कोर्ट पर बैठ गईं, जबकि साइना ओलंपिक से बाहर होने की निराशा में डूब गईं।
             
साइना के खेल में निरंतरता की कमी थी। उन्होंने अपने ग्रुप के पहले मैच में ब्राजील की लोहायिनी विसेंट को 21-17, 21-17 से हराने में कड़ा संघर्ष किया था और वे मारिया के खिलाफ पूरी तरह से अपनी लय में नहीं थीं, जिसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा। (वार्ता)
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