रोमांस कविता : एक बार तो कहते...

सुशील कुमार शर्मा
एक बार तो कहते मत जाओ तुम मेरी हो,
एक बार तो कहते आ जाओ तुम मेरी हो।
 
मन की पहली धड़कन तुम्हीं थे,
तन की पहली सिहरन तुम ही थे।
आंखों में तुम प्रथम दृष्ट्या प्रेमी थे,
जीवन का पहला सुमिरन तुम ही थे।
 
एक बार तो कहते रुक जाओ तुम मेरी हो,
एक बार तो कहते मत जाओ तुम मेरी हो।
 
जीवन के अनुरागों को तुमसे बल था,
हृदय के गहरे भावों को तुमसे बल था।
जीवन की हर खुशी शुरू थी तुमसे,
जीने के हर पल को तुमसे बल था।
 
एक बार तो कहते फिर आओ तुम मेरी हो,
एक बार तो कहते मत जाओ तुम मेरी हो।
 
तुम बिन जीवन सूना-सा मन थका-थका,
तुम बिन आंगन रूठा-सा सब रुका-रुका।
तूफानों में नाव किनारा मुश्किल है,
तुम बिन मन ये टूटा-सा दिल फटा-फटा।
 
एक बार तो कहते दिल दे जाओ तुम मेरी हो,
एक बार तो कहते मत जाओ तुम मेरी हो।

 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या होता है DNA टेस्ट, जिससे अहमदाबाद हादसे में होगी झुलसे शवों की पहचान, क्या आग लगने के बाद भी बचता है DNA?

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

खाली पेट ये 6 फूड्स खाने से नेचुरली स्टेबल होगा आपका ब्लड शुगर लेवल

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

सभी देखें

नवीनतम

स्टडी : नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को अस्थमा का खतरा ज्यादा, जानिए 5 कारण

हार्ट हेल्थ से जुड़े ये 5 आम मिथक अभी जान लें, वरना पछताएंगे

बारिश के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों से कैसे बचें? जानिए 5 जरूरी टिप्स

विश्व योग दिवस 2025: पढ़ें 15 पावरफुल स्लोगन, स्वस्थ रखने में साबित होंगे मददगार

वर्ष का सबसे लंबा दिन 21 जून को, जानें कारण और महत्व

अगला लेख