रोमांटिक कविता : प्रेम की आईसीयू

एमके सांघी
जिंदगी के साथ कोई मेरा हमसाया हो गया
एक लड़की से क्या मिला, मैं उसकी छाया हो गया
 
रिश्ता होते ही जिंदगी में वह हो गई सब कुछ
यारों मैं खुद अपने लिए पराया हो गया
 
सुबह, दोपहर, शाम, रात बस बातें ही बातें
मोबाइल मेरा चौबीस पहर का साया हो गया
 
तोहफों ने सीमा पार पहुंचा दिया क्रेडिट कार्ड बिल
उन्हें उपहार दे-देकर खुद देनदारी का मारा हो गया
 
रोज उठाकर उनके नखरे और जताकर उन्हें प्यार
किसी फिल्म के एक्स्ट्रा की तरह बेचारा हो गया

हिन्दी कविता : एक मंदिर हो तुम...
 
कभी घर तो भी ऑफिस से पिक-अप या ड्रॉप
उनके लिए मर्सीडीज तो खुद के लिए खटारा हो गया
 
फिर भी उनके नयनों में न जाने है क्या बात
प्रेम के आईसीयू में रहना गवारा हो गया। 
 
Show comments

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

अगला लेख