और मैं लिखता रहूंगा कविता तुम्हारी याद में...

राकेशधर द्विवेदी
ओस की बूंद आकाश से गिरकर,
फूलों और पत्तियों पर ठहर जाएगी। 
रातभर रोया है चांद किसी की याद में,
यह कहानी धरा और जगत को सुनाएगी।
 
कुछ प्रेम पत्र सही पता न मिल पाने पर,
वापस लौट आएंगे।
विरह की आग में तपता हुआ बसंत, 
प्रेम पत्रों को तकिये के सिरहाने रख आंसू बहाएगा।
 
और आंसुओं की बूंदों पर कैनवस पर,
लिख दी होगी कोई रूमानी कविता।
 
जिसने कहा होगा कोई संदेशा कोई मनुहार,
जो नहीं पहुंच पाया होगा तुम्हारे पास।
और वह निराश गीत-गज़ल के शब्द,
लौट आए होंगे करके मनुहार।
 
चांद थककर बादलों की छांव में सो जाएगा,
और मैं लिखता रहूंगा कविता यूं ही,
तुम्हारी याद में...।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

ये हेल्दी फैट्स हार्ट को रखते हैं दुरुस्त, कोलेस्ट्रॉल भी रहता है कंट्रोल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

अगला लेख