बीजिंग। चीन के एक राजनयिक ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं। उन्होंने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन कर यह भरोसा दिलाना चाहिए कि नाटो का और अधिक विस्तार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हथियारों की तैनाती नहीं की जाएगी और अमेरिका मामले में तटस्थ रहेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय के यूरोपीय ममलों के विभाग के महानिदेशक वांग लुतोंग ने शनिवार को कहा कि इसके बाद हो सकता है कि मसला सुलझ जाए।
पुतिन को राष्ट्रपति पद पर बने रहने की अनुमति नहीं देने के बाइडन के बयान का अप्रत्यक्ष रूप से हवाला देते हुए वांग ने कहा, 'अमेरिकियों का उद्देश्य क्या है? वे यूक्रेन में युद्ध-विराम देखना चाहते हैं या रूस को कमजोर करना कहते हैं? और कुछ लोग सरकार बदलने की बात कह रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि अगर उनका इरादा युद्ध-विराम का है तो मुझे लगता है कि इस मुद्दे को शीघ्र ही सुलझाया जा सकता है। वांग के बयान से पहले चीन ने एक सम्मेलन में यूरोपीय संघ के समक्ष रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की आलोचना की थी। बीजिंग ने रूस के हमले की निंदा करने से भी इनकार किया था।
यूक्रेन को 30 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त : अमेरिका के रक्षा विभाग ने कहा कि वह यूक्रेन के सुरक्षा बलों को रूसी सेना से देश की हिफाजत करने के लिए 30 करोड़ डॉलर मूल्य के सैन्य उपकरणों की अतिरिक्त मदद दे रहा है।
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक बयान जारी कर कहा कि सैन्य मदद में लेजर निर्देशित रॉकेट प्रणालियां, मानवरहित विमान, बख्तरबंद वाहन, अंधेरे में देखने में सक्षम बनाने वाले उपकरण और गोला-बारूद के अलावा चिकित्सा आपूर्ति व अतिरिक्त कलपुर्जे भी शामिल हैं।
किर्बी ने कहा कि नया पैकेज अमेरिकी सेना के भंडार से निकले उपकरण देने के बजाय यूक्रेन को नई क्षमताएं देने के लिए एक अनुबंधित प्रक्रिया की शुरुआत है। अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से उसे 1.6 अरब डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता मुहैया कराई है।
रूसी मिसाइल हमलों में कई लोगों की मौत : यूक्रेन के एक अधिकारी ने कहा कि काले सागर के ओडेसा क्षेत्र में शुक्रवार को रूस ने कम से कम तीन बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे कई लोगों की जान गई। हालांकि, अधिकारी ने नुकसान का ब्योरा नहीं दिया।
क्षेत्रीय अधिकारी मैक्सिम मार्चेंको ने कहा कि क्रीमिया से मिसाइलें दागी गई थीं, जो 2014 से रूस के कब्जे में है। वहीं, यूक्रेन की सेना ने कहा कि इस्कंदर मिसाइलों को एक अहम लक्ष्य को भेदना था, लेकिन यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली के जवाबी हमले के चलते वे इसमें नाकाम रहीं।
रूसी तेल डिपो पर हमले से इनकार : यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने रूस के तेल डिपो पर हमला करने की खबरों को खारिज किया है। मॉस्को ने इस हमले के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया था। घटना की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।