वारसा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जब देश के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में अपने परिवार के साथ बचपन गुजार रहे तो उनका यहूदी परिवार रूसी भाषा बोलता था और उनके पिता ने तो जेलेंस्की के इसराइल पढ़ने जाने पर भी पाबंदी लगा दी थी।
विदेश में पढ़ाई करने के स्थान पर जेलेंस्की ने अपने देश में ही कानून की पढ़ाई की। स्नातक के बाद उन्होंने अभिनय और खासतौर से कॉमेडी (हास्य) को चुना। वहां से 2010 में वे टीवी सीरीज सर्वेंट ऑफ पीपुल के माध्यम से यूक्रेन के मनोरंजन करने वाले शीर्ष कलाकार बन गए। इस सीरीज में जेलेंस्की ने हाईस्कूल के एक लोकप्रिय शिक्षक की भूमिका निभाई थी, जो भ्रष्ट राजनेताओं से दुखी होकर अंत में देश का राष्ट्रपति बन जाता है।
सीरीज के कुछ साल गुजरने के बाद जेलेंस्की वाकई यूक्रेन के राष्ट्रपति बन जाते हैं और इस सप्ताह रूस की सेना उनके देश, खासतौर से ऐतिहासिक कीव पर रॉकेट बरसा रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि दुनियाभर में डर की स्थिति है और जेलेंस्की की नई भूमिका संभवत: अब 21वीं सदी के हीरो की हो गई है।
इन हालात में भी 44 वर्षीय जेलेंस्की ने कीव छोड़ने से इंकार कर दिया है, जबकि उनका कहना है कि वे रूस के निशाने पर हैं। जेलेंस्की को एक वक्त में कमजोर मानने वाले राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि उनके उदाहरण से वे प्रेरित हैं।
इसका एक उदाहरण है, अमेरिका ने जब उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की पेशकश की तो जेलेंस्की ने शुक्रवार को जवाब दिया, मुझे हथियार चाहिए, सुरक्षित रास्ता नहीं। रूस ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर हमला किया और आज तीसरे दिन, शनिवार को भी रूस की सेना यूक्रेन की सीमा में आगे बढ़ रही है।
हालांकि युद्ध शुरू होने के बाद जेलेंस्की ने यूक्रेन की सुरक्षा के लिए महती प्रयास नहीं करने को लेकर अमेरिका की आलोचना की। यहां उनका तात्पर्य सैन्य मदद या यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने से था।(भाषा)