इस चमत्कारिक जड़ी को खाएं और भूख प्यास को भूल जाएं

Webdunia
गुरुवार, 13 अप्रैल 2017 (11:53 IST)
वेदादि ग्रंथों के अलावा कौटिल्य के अर्थशास्त्र में जड़ी-बूटी, दूध आदि से निर्मित ऐसे आहार का विवरण है जिसके सेवन के बाद पूरे महीने भोजन की जरूरत नहीं पड़ती। इसे भूख-प्यास रोकने वाली जड़ी कहते हैं। 
 
कहते हैं कि आंधीझाड़ा से अत्यधिक भूख लगने (भस्मक रोग) और अत्यधिक प्यास लगने का रोग समाप्त किया जा सकता है। अर्थात जो लोग ज्यादा खाने के शौकीन हैं और मोटापे से ग्रस्त हैं वे इस जड़ी का उपयोग कर भूख को समाप्त कर सकते हैं। इसे इन्द्रियों की निर्बलता और सन्तानहीनता को दूर करने वाला भी बताया गया है।  
 
यह पौधा हैजा, बावासीर, किडनी के रोग, कुष्ठरोग, दस्त, जलोदर आदि में भी लाभदायक है। इस पौधे से सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जन्तु के काटे हुए को ठीक किया जा सकता है।
 
इसे संस्कृत में अपामार्ग, हिन्दी में चिरचिटा, लटजीरा और आंधीझाड़ा कहते हैं। अंग्रेजी में इसे रफ चेफ ट्री नाम से जाना जाता है। यह पौधा 1 से 3 फुट ऊंचा होता है और भारत में सब जगह घास के साथ अन्य पौधों की तरह पैदा होता है। खेतों की बागड़ के पास, रास्तों के किनारे, झाड़ियों में इसे सरलता से पाया जा सकता है। शहरों के बाग-बगीचों के बाहर और खुली जगह में यह पौध आपको मिला जाएगा। हालांकि इसका उपयोग कैसे करें यह आपको किसी आयुर्वेद के विशेषज्ञ से ही पूछना होगा।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या महिलाएं हनुमानजी की पूजा कर सकती हैं?

मंगलवार को करें ये अचूक उपाय, बजरंगबली की कृपा से शादी से लेकर नौकरी और व्यापार में अड़चने होंगी दूर

श्री महावीर जी: भगवान महावीर के अतिशय क्षेत्र की आध्यात्मिक यात्रा

महावीर जयंती के अवसर पर पढ़िए भगवान महावीर के सिद्धांत और जीवन बदलने वाले अमूल्य विचार

हनुमान जयंती पर कौन सा पाठ करें जिससे कि हनुमानजी तुरंत हो जाएं प्रसन्न

सभी देखें

धर्म संसार

देवों, पितरों और ऋषि मुनियों को करना है प्रसन्न तो करें ये 7 प्रकार के दान

ईसाई धर्म: गुड फ्राइडे कब है, क्या करते हैं इस दिन

ईसाई धर्म: पाम संडे कब है, क्या करते हैं इस दिन

सत्य, अहिंसा और ज्ञान का उत्सव: 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती, जानें महत्व और कैसे मनाएं?

भगवान महावीर स्वामी के जन्म की 5 रोचक बातें

अगला लेख