कमल का फूल, जानिए क्यों है हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण, करेंगे आश्चर्य

अनिरुद्ध जोशी
जिस तरह वृक्षों में पीपल, नीम और बरगद का खास महत्व है। उसी तरह हिन्दू धर्म में कमल, पारिजात, केतकी के फूलों को बहुत ज्यादा महत्व दिया जता है। आओ जानते हैं कमल के फूल के संबंध में रोचक बातें।
 
 
1. हिन्दू पुराणों के अनुसार कमल के फूल की उत्पत्ति भगवान विष्णुजी की नाभि से हुई है और कमल के फूल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति मानी जाती है।
 
2. कमल के पुष्प को ब्रह्मा, लक्ष्मी तथा सरस्वतीजी ने अपना आसन बनाया है।
 
3. कमल का फूल नीला, गुलाबी और सफेद रंग का होता है। कुमुदनी और उत्पल (नीलकमल) यह कमल के ही प्रकार हैं। इसके पत्तों और रंगों में अंदर त रहता है।
 
4. सभी कमल पानी में ही उगते हैं या खिलते हैं, परंतु ब्रह्म कमल को गमले में भी उगा सकते हैं। इसके फूल वर्ष में एक बार ही खिलते हैं।
 
5. कमल का फूल जल से उत्पन्न होकर कीचड़ में खिलता है परंतु वह दोनों से निर्लिप्त रहकर पवित्र जीवन जीने की प्रेरणा देता है। मतलब यह कि बुराइयों के बीच भी रहकर व्यक्ति अपनी मौलिकता और पवित्रता को बरकरार रखता है। 
 
6. कहते हैं कि कमल के फूल की ही तरह सृष्टि और इस ब्रह्मांड की रचना हुई है और यह ब्रह्मांड इसी फूल की तरह है।
 
7. अनेक प्रकार के यज्ञों व अनुष्ठानों में कमल के पुष्पों को निश्चित संख्या में चढ़ाने का विधान शास्त्रों में भी वर्णित है।
 
8. कमल के फूलों को धारण करने से शरीर शीतल रहता है, फोड़े-फुंसी आदि शांत होते हैं तथा शरीर पर विष का कुप्रभाव कम होता है।
 
9. कमलगट्टे की माला और सब्जी बनती है। 
 
10. बौद्ध धर्म के ललित विस्तार ग्रंथ में कमल को अष्टमंगल माना गया है।

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