परा और अपरा विद्या के 5 चमत्कारिक रहस्य

अनिरुद्ध जोशी
हिन्दू धर्मग्रंथों में 2 तरह की विद्याओं का उल्लेख किया गया है- परा और अपरा। यह परा और अपरा ही लौकिक और पारलौकिक कहलाती है। दुनिया में ऐसे कई संत या जादूगर हैं, जो इन विद्याओं को किसी न किसी रूप में जानते हैं। वे इन विद्याओं के बल पर ही भूत, भविष्य का वर्णन कर देते हैं और इसके बल पर ही वे जादू और टोना करने की शक्ति भी प्राप्त कर लेते हैं। आओ जानते हैं इसके 10 रहस्य।
 
 
1. यह परा और अपरा शक्ति 4 तरह से प्राप्त होती है- देवताओं द्वारा, योग साधना द्वारा, तंत्र-मंत्र द्वारा और किसी चमत्कारिक औषधि या वस्तुओं द्वारा। परा विद्या के पूर्व अपरा विद्या का ज्ञान होना जरूरी है। परा विद्या एक चमत्कारिक विद्या है तो दूसरी ओर यह परमेश्वर को जानने का मार्ग भी है।
 
 
2. जगत 3 स्तरों वाला है- एक स्थूल जगत जिसकी अनुभूति जाग्रत अवस्था में होती है। दूसरा, सूक्ष्म जगत जिसका स्वप्न में अनुभव करते हैं तथा तीसरा, कारण जगत जिसकी अनुभूति सुषुप्ति में होती है। इन तीनों स्तरों में जो व्यक्ति जाग्रत हो जाता है, साक्षीभाव में ठहर जाता है वह परा और अपरा दोनों ही प्रकार की विद्याओं में पारंगत हो जाता है।
 
 
3. ये 10 अपरा विद्याएं हैं : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद, नक्षत्र, वास्तु, आयुर्वेद, वेद, कर्मकांड। अन्य जगहों पर इनके भाग अलग-अलग हैं, जैसे 4 वेद और 6 वेदांग। गीता में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि एवं अहंकार को अपरा शक्ति कहा गया है। इसको पूर्ण रूप से जान लेना वाला ही अपरा शक्ति संपन्न व्यक्ति होता है।
 
 
4. परा विद्या : जिसमें जानने वाला और जाना जाने वाला अलग-अलग नहीं होता। इसमें अपना ज्ञान है, ब्रह्म-ज्ञान है। परा का अर्थ वह विद्या, जो इस नश्वर ब्रह्मांड से परे का ज्ञान दे। 'परा' विद्या तो ज्ञान की एक अलग प्रक्रिया का ही वर्णन है जिसमें 'क्या-क्या' जाना जाता है, यह प्रश्न ही नहीं उठता।
 
 
5. क्या है परा विद्या : परा प्राकृतिक शब्द उन व्यक्तियों, वस्तुओं या घटनाओं के लिए प्रयुक्त होता है जिसे कुछ लोग वास्तविक मानते हैं, लेकिन जो प्रकृति का भाग नहीं होते या सामान्य प्रकृति से परे होते हैं। 'अलौकिक' या 'पारलौकिक' शब्द भी इसके लिए प्रयुक्त होता है। पराशक्ति या अलौकिक शक्तिसंपन्न व्यक्ति को चमत्कारिक व्यक्ति माना जाता है, जो भूत, वर्तमान और भविष्य की घटनाओं का ज्ञान रखता है और जो कभी भी किसी भी प्रकार का चमत्कार करने की क्षमता रखता है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

Weekly Horoscope June 2025: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा 02 से 08 जून का समय, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल

गंगा दशहरा पर्व का क्या है महत्व?

महेश नवमी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

शुक्र के राशि परिवर्तन से 3 लोग रहेंगे 1 माह तक परेशान

31 मई, महीने के आखिरी दिन का दैनिक राशिफल, जानें क्या लिखा है 12 राशियों के नसीब में

अगला लेख