Isolation : एकांतवास पर क्या कहते हैं हमारे पुराण, क्यों है जरूरी जीवन में

अनिरुद्ध जोशी
शुक्रवार, 15 मई 2020 (16:47 IST)
प्राचीनकाल में एकांतवास कई कारणों से किया जाता रहा है। आधुनिककाल में भी ऐसा कई लोग हुए हैं जिन्होंने एकांतवास के महत्व को समझकर वे एकांत में चले गए। प्राचीनकाल से वर्तमान युग तक हमारे साधु-संत एकांतवास में जाते रहे हैं। लगभग सभी पुराणों में एकांतवास का महत्व बताया गया है। एकान्तवास यदि स्वैच्छिक हो तो मनुष्य के लिए सुखदायी होता है, इसके विपरीत यदि मजबूरी में अपनाया गया हो तो वह कष्टदायक होता है।
 
 
1. एकांत का अर्थ : एकांतवास का अर्थ है अकेले हो जाता। लेकिन इसका सबसे गहरा अर्थ है जब एक का भी अंत हो जाए तब घटित होता है एकांत। इसके अर्थ के अनुसार जीवन बहुत कठिन है इसलिए प्रचलित अर्थ में समझे कि बस अकेले हो जाना। आप घर में भी अकेले हो सकते हैं और घर से बाहर पहाड़, नदी या जंगल में जाकर भी। एक गृहस्थ संन्यासी को भी एकांत की आवश्यकता होती है। 
 
 
2. एकांत का लाभ : भीड़ में रहकर नहीं, एकांत में ही व्यक्ति खुद से मुलाकात कर सकता है। एकांत से हम अपने भागदौड़ भरे जीवन को कुछ समय के लिए ब्रेक देकर अपने जीवन की समीक्षा कर सकते हैं। एकांत में रहकर ही व्यक्ति खुद का आंकलन कर सकता है। एकांत में रहकर ही पांचों इंद्रियों की तृष्णा को समझकर मोक्ष की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है। पहले एकांत से स्वयं को साधो, सक्षम बनो, फिर संसार में उतरो। एकांत और अकेलेपन में फर्क है। एकांत में हम खुद के साथ होते हैं, लेकिन जो व्यक्ति एकांत में भी भीड़ के साथ है उसने एकांत में होने का अवसर खो दिया। दिमाग में भीड़ लेकर चलने वाले जीवन के अंत में खुद को अकेला ही पाते हैं।


योगी युञ्जीत सततमात्मानं रहसि स्थितः ।
एकाकी यतचित्तात्मा निराशीरपरिग्रहः ॥-6-10।।
भावार्थ : मन और इन्द्रियों सहित शरीर को वश में रखने वाला, आशारहित और संग्रहरहित योगी अकेला ही एकांत स्थान में स्थित होकर आत्मा को निरंतर परमात्मा में लगाए॥10॥
 
 
3. एकांत में ही जन्मा है सृजन : ऐसे कई साहित्यकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक और महान राजनेता हुए हैं जिन्होंने अपने जीवन के कई माह एकांत में ही बिताकर दुनिया को महान रचनाएं, सूत्र, सिद्धांत या अविष्कार दिए। किसने प्रसिद्ध रचना लिखी, सिद्धांत गढ़ा, अविष्कार का आइडिया दिमाग में आया या महान राजनीतिक सिद्धांत का सूत्रपात हुआ। 
 
 
4. परिव्राजक, तीर्थाटन : कई लोग एकांत के लिए अकेले ही तीर्थ यात्रा पर निकल जाते थे और लगभग 2 या 3 माह में आते थे। ऐसे में वे रोजमर्रा के वाद-विवाद, झगड़े, संघर्ष, तनाव और चिंता से मुक्त होकर जीवन का आनंद लेते थे। अक्सर साधु संन्यासी अकेले ही परिव्राजक बनकर घुमते रहते हैं।
 
 
5. वनवास : प्राचीन भारतीय काल में ऐसा प्रचलन था जब व्यक्ति अपनी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाता था तो वह अपनी आध्यात्मिक उन्नति के लिए वनवास चला जाता था। चार आश्रमों में से एक वानप्रस्थ आश्रम के बाद ही संन्यास आश्रम ग्रहण किया जाता था। 
 
 
6. सूतक : प्राचीनकाल में सूतक, पातक आदि के दौरान व्यक्ति को एकांत में रहना होता था। जन्म काल, ग्रहण काल, स्त्री के मासिक धर्म का काल, महामारी और मरण काल में सूतक और पातक का विचार किया जाता है। सभी के काल में सूतक के दिन और समय का निर्धारण अलग-अलग होता है।
 
 
7. कल्पवास : भारत में कुंभ आदि के दौरान नदी किनारे गृहस्थों के लिए कल्पवास का विधान रखा गया है। इस दौरान गृहस्थ कल्पवास का संकल्प लेकर ऋषियों की या खुद की बनाई पर्ण कुटी में अकेला ही रहता है। दिन में एक ही बार भोजन किया जाता है तथा मानसिक रूप से धैर्य, अहिंसा और भक्तिभावपूर्ण रहा जाता है।
 
 
यह सांसारिक तापों से मुक्ति, बेहतर स्वास्थ, मनोकामनापूर्ति और आध्यात्मिक उन्नती के लिए होता है। ऋषि और मुनियों के सानिध्य में इस दौरान गृहस्थों को अल्पकाल के लिए शिक्षा और दीक्षा दी जाती थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Astrology: कब मिलेगा भवन और वाहन सुख, जानें 5 खास बातें और 12 उपाय

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

Jupiter Transit 2024 : वृषभ राशि में आएंगे देवगुरु बृहस्पति, जानें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव

Hast rekha gyan: हस्तरेखा में हाथों की ये लकीर बताती है कि आप भाग्यशाली हैं या नहीं

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru Shukra ki yuti: 12 साल बाद मेष राशि में बना गजलक्ष्मी राजयोग योग, 4 राशियों को मिलेगा गजब का लाभ

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय और शुभ मुहूर्त जानिए

Aaj Ka Rashifal: आज कैसा गुजरेगा आपका दिन, जानें 29 अप्रैल 2024 का दैनिक राशिफल

अगला लेख