भगवान शिव की पुत्री अशोक सुंदरी के जन्म और विवाह की कथा

अनिरुद्ध जोशी
भगवान शिव की एक पुत्र का नाम अशोक सुंदरी था। हालांकि महादेव की और भी पुत्रियां थीं जिन्हें नागकन्या माना गया- जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि। अशोक सुंदरी को भगवान शिव और पार्वती की पुत्री बताया गया इसीलिए वही गणेशजी की बहन है। इनका विवाह राजा नहुष से हुआ था।
 
 
पद्मपुराण अनुसार अशोक सुंदरी देवकन्या हैं। दरअसल, माता पार्वती के अकेलेपन को दूर करने हेतु कल्पवृक्ष नामक पेड़ के द्वारा ही अशोक सुंदरी की रचना हुई थी। एक बार माता पार्वती विश्व में सबसे सुंदर उद्यान में जाने के लिए भगवान शिव से कहा। तब भगवान शिव अपनी पत्नी पार्वती को नंदनवन ले गए। वहां माता को कल्पवृक्ष से लगाव हो गया और वे उस वृक्ष को लेकर कैलाश आ गईं।
 
 
कल्पवृक्ष मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष है। पार्वती ने अपने अकेलेपन को दूर करने हेतु उस वृक्ष से यह वर मांगा कि उन्‍हें एक कन्या प्राप्त हो। तब कल्पवृक्ष द्वारा अशोक सुंदरी का जन्म हुआ। माता पार्वती ने उस कन्या को वरदान दिया कि उसका विवाह देवराज इंद्र जैसे शक्तिशाली युवक से होगा।
 
 
इसी वरदान के असर के कारण एक बार अशोक सुंदरी अपनी दासियों के साथ नंदनवन में विचरण कर रही थीं तभी वहां हुंड नामक राक्षस का आया। जो अशोक सुंदरी की सुंदरता से मोहित हो गया और उसने अशोक सुंदरी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा।
 
 
लेकिन अशोक सुंदरी ने अपने वरदान और विवाह के बारे में बताया कि उनका विवाह नहुष से ही होगा। यह सुनकर राक्षस ने कहा कि वह नहुष को मार डालेगा। ऐसा सुनकर अशोक सुंदरी ने राक्षस को शाप दिया कि जा दुष्ट तेरी मृत्यु नहुष के हाथों ही होगी। यह सुनकर वह राक्षस घबरा गया। तब उसने राजकुमार नहुष का अपहरण कर लिया। लेकिन नहुष को राक्षस हुंड की एक दासी ने बचा लिया। 
 
 
इस तरह महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में नहुष बड़े हुए और उन्होंने हुंड का वध किया। इसके बाद नहुष तथा अशोक सुंदरी का विवाह हुआ हुआ। विवाह के बाद अशोक सुंदरी ने ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रुपवती कन्याओं को जन्म दिया। ययाति भारत के चक्रवर्ती सम्राटों में से एक थे और उन्हीं के पांच पुत्रों से संपूर्ण भारत पर राज किया था। उनके पांच पुत्रों का नाम था-  1.पुरु, 2.यदु, 3.तुर्वस, 4.अनु और 5.द्रुहु। इन्हें वेदों में पंचनंद कहा गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Hanuman Jayanti 2024: हनुमानजी के इन खास 5 मंत्रों से शनि, राहु और केतु की बाधा से मिलेगी मुक्ति

Hanuman Jayanti 2024: हनुमानजी सशरीर हैं तो वे अभी कहां हैं?

Hanuman jayanti : हनुमान जयंती पर इन 4 राशियों पर रहेगी अंजनी पुत्र की विशेष कृपा, व्यापार और नौकरी में होगी तरक्की

Atigand Yog अतिगंड योग क्या होता है, बेहद अशुभ और कष्टदायक परन्तु इन जातकों की बदल देता है किस्मत

Shukra Gochar : प्रेम का ग्रह शुक्र करेगा मंगल की राशि मेष में प्रवेश, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएगा रोमांस

24 अप्रैल 2024 : आपका जन्मदिन

24 अप्रैल 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akhand Samrajya Yoga: अखंड साम्राज्य योग क्या होता है, मां लक्ष्मी की कृपा से बदल जाता है भाग्य

Mangal gohchar : मंगल का मीन राशि में गोचर, 5 राशियों को होगा बहुत फायदा

Astrology : किस राशि के लोग आसानी से जा सकते हैं आर्मी में?

अगला लेख