अप्सरा उर्वशी के समक्ष ऋषि-मुनि भी पिघल गए लेकिन अर्जुन क्यों नहीं पिघले

अनिरुद्ध जोशी
सोमवार, 3 फ़रवरी 2020 (15:14 IST)
चंद्रवशी राजा पुरुरवा और स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी की प्रेम कथा प्रचलित है। बाद में दोनों ने विवाह किया और पुरुवंश की स्थापना हुई। पुरुवंश में ही आगे चलकर राजा कुरु हुए और कुरु से ही आगे चलकर धृतराष्ट्र और पांडु हुए। इंद्र के कहने पर अप्सरा उर्वशी कई ऋषि मुनियों की तपस्या भंग कर दी थी। स्वर्ग की यह अप्सरा बहुत ही सुंदर और चिरयौवन के साथ ही चिरंजीवी भी थी।
 
 
एक बार पांडु पुत्र अर्जुन स्वर्ग में थे। इंद्र की सभा में अप्सरा उर्वशी भी थी। अप्सरा उर्वशी ने जब अर्जुन को देखा तो वह उस पर मोहित हो गई और उर्वशी ने अर्जुन को रिझाने की कोशिश की। अंत में उसने अर्जुन से प्रणय निवेदन किया। लेकिन अर्जुन विनम्रता पूर्वक कहा कि आप हमारी पूर्वज हैं और माता समान हैं। अर्जुन ने कहा- 'हे देवी! हमारे पूर्वज ने आपसे विवाह करके हमारे वंश का गौरव बढ़ाया था अतः पुरु वंश की जननी होने के नाते आप हमारी माता के तुल्य हैं...।
 
 
उर्वशी ने कई तरह से अर्जुन को मनाने के प्रयास किया लेकिन अर्जुन ने खुद का नैतिक पतन नहीं होने दिया और उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया। उर्वशी इससे क्रोधित हो गई।
 
 
उर्वशी ने अर्जुन से कहा, तुम नपुंसकों की तरह ही बात कर रहे हो, सो अब से तुम नपुंसक हो जाओ। उर्वशी शाप देकर चली गई। जब इंद्र (अर्जुन के पिता) को इस बात का पता चला तो अर्जुन के धर्म पालन से वे अत्यंत ही प्रसन्न हो गए। उन्होंने उर्वशी से शाप वापस लेने को कहा तो उर्वशी ने कहा, शाप वापस नहीं हो सकता, लेकिन मैं इसे सीमित कर सकती हूं। उर्वशी ने शाप सीमित कर दिया कि अर्जुन जब चाहेंगे तभी यह शाप प्रभाव दिखाएगा और केवल एक वर्ष तक ही उसे नपुंसक होना पड़ेगा।
 
 
यह शाप अर्जुन के लिए वरदान जैसा हो गया। अज्ञात वास के दौरान अर्जुन ने विराट नरेश के महल में किन्नर वृहन्नलला बनकर एक साल का समय गुजारा, जिससे उसे कोई पहचान ही नहीं सका।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान रथ पर बैठीं हर्षा रिछारिया, क्यों मचा बवाल?

तुलसी की सूखी लकड़ी का दीपक जलाने से घर आती है समृद्धि, जानिए अद्भुत फायदे

पीरियड्स में महिला नागा साधु कैसे करती हैं महाकुंभ में स्नान, ये हैं नियम

महाकुंभ में कल्पवास क्या है, जानें क्यों करें? पढ़ें महत्व, लाभ और नियम के बारे में

चंद्रमा की इस गलती की वजह से लगता है महाकुंभ, जानिए पौराणिक कथा

सभी देखें

धर्म संसार

20 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

20 जनवरी 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Calendar 2025: 20 से 26 जनवरी का साप्ताहिक कैलेंडर हिन्दी में, जानें सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

Weekly Horoscope January 2025: नए सप्ताह का राशिफल, जानें 20 से 26 जनवरी में किसका चमकेगा भाग्य

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों का सूर्य की तरह चमकेगा आज भाग्य, पढ़ें 19 जनवरी का राशिफल

अगला लेख