गरुड़ पुराण अनुसार ये 5 काम करने से आयु होती है कम...

अनिरुद्ध जोशी
18 पुराणों में से एक गरुण पुराण का नाम सभी ने सुना ही होगा। अक्सर इसका पाठ किसी की मौत पर किया जाता है। गरुड़ पुराण में आत्मा के रहस्य के अलावा ज्ञान, नीति, धर्म, समुद्र शास्त्र, ज्योतिष, आयुर्वेद और जिंदगी से जुड़ी बातें लिखी हुई है।
गरुड़ पुराण में ऐसी बातों का भी उल्लेख किया गया है जिन्हें धर्म में वर्जित बताया गया है। यदि आप इन्हें करते हैं तो आप बर्बाद हो सकते हैं शारीरिक और मानसिक रूप से ही नहीं बल्‍कि आर्थिक रूप से भी। भले ही आप आजमा कर देख लें। जिन्होंने भी गरुड़ पुराण की ये 10 बातें नहीं मानी समझों वह मुसिबत मोल ले लेगा।

सुरज चढ़ने पर उठना : सुबह होने के बाद तब तक नहीं उठना जब तक की सूर्य सिर पर न आ जाए। अर्थात देर तक सोना। सुबह देर तक सोने से मनुष्य की आयु कम होती है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती जाती। इससे आपका पाचन तंत्र भी बिगड़ जाता है।
जब आप देर तक सोते हैं तो ब्रह्म मुहूर्त की शुद्ध वायु का सेवन नहीं कर पाते हैं जिसके चलते अनेक प्रकार के रोग से ग्रस्त होने का प्रतिशत बढ़ जाता है। इसलिए सुबह देर तक सोने से मनुष्यों की आयु कम होती है। ब्रह्म मुहूर्त की वायु का सेवन करने से शरीर के अनेक रोग स्वत: ही ठीक हो जाते हैं और श्वसन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। 

रात में दही खाना : वैसे तो यह बात सभी जानते हैं, लेकिन देखा गया है कि बहुत से लोग होटलों में या सफर में रात में दहीं बड़े या दही से बनी कोई चीज खाने से परहेज नहीं करते हैं। कभी कभार तो यह चल जाता है लेकिन अक्सर नहीं। रात में दही खाने से भी मनुष्यों की आयु कम होती है।
रात के समय दही का सेवन करने से कई प्रकार के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है जैसे- पेट के रोग आदि। रात में भोजन करने के बाद व्यक्ति को सोना ही होता है। वैसे भी रात में पाचन तंत्र थोड़ा धीमा ही हो जाता है। एक कारण यह भी है जिसके चलते पेट में दही के ठीक से न पच पाने के अनेक साइट इफेक्ट होते हैं। इसलिए रात के समय दही का सेवन नहीं करना चाहिए।

दिन में सेक्स : बहुत से लोग सुबह सुबह, दिन में या अत्यधिक मैथुन करते हैं। यह कार्य भी व्यक्ति को आयु का कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सुबह के समय मैथुन करने तथा अत्यधिक मैथुन करने से भी मनुष्यों की आयु कम होती है।
सुबह का समय योग, प्राणायाम, कसरत आदि का होता है और ऐसे समय यदि कोई मनुष्य संभोग करता है तो इससे उसका शरीर कमजोर होता है। इसके अलावा अत्यधिक मैथुन के कारण भी शरीर लगातार कमजोर होता जाता है और एक समय ऐसा भी आता है जब शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता लगभग समाप्त ही हो जाती है। उस स्थिति में अनेक घातक रोग शरीर को अंदर तक खोखला कर देते हैं।

बासी मांस का सेवन : शुष्क या सूखे मांस का अर्थ बासी मांस से भी है। यह सबसे घातक सिद्ध हो सकता है। यदि यह मांस संक्रमित नहीं हुआ तो आपकी आयु कम करने में सहायक है, लेकिन संक्रमित हुआ तो इससे आपको कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं। अत: शुष्क मांस का सेवन करने से भी मनुष्यों की आयु कम होती है। 
जब मांस कुछ दिन पुराना हो जाता है तो वह सूख जाता है और उस पर कई प्रकार के खतरनाक बैक्टीरिया व वायरसों का संक्रमण हो जाता है। जब कोई व्यक्ति यह मांस खाता है तो मांस के साथ बैक्टीरिया तथा वायरस भी उसके पेट में चले जाते हैं और कई प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं। ये रोग मनुष्य की आयु कम करते हैं।
 
 

श्मशान का धुआं : जब किसी का शरीर जलाया जाता है तो उसमें से कई तरह के हानिकारक तत्व भी निकल सकते हैं, क्योंकि किसी भी मृत शरीर में अनेक प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस उत्पन्न होने लगते हैं। इसमें से कुछ तो बहुत ही खतरनाक होते हैं। 
जब इन शवों का दाह संस्कार किया जाता है, तब कुछ बैक्टीरिया-वायरस तो शव के साथ ही नष्ट हो जाते हैं और कुछ वायुमंडल में धुएं के साथ फैल जाते हैं। जब कोई व्यक्ति उस धुएं के संपर्क में आता है तो ये बैक्टीरिया-वायरस उसके शरीर से चिपक जाते हैं और विभिन्न प्रकार के रोग फैलाते हैं। इन रोगों से मनुष्य की आयु कम हो सकती है।

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