Shani Jayanti 2021: कब है शनि जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त, जानिए पूजा विधि

Webdunia
बुधवार, 9 जून 2021 (12:28 IST)
Shani Jayanti 2021
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनिदेवजी का जन्म हुआ था। अंग्रेजी माह के अनुसार इस बार शनि जयंती 10 जून 2021 गुरुवार को मनाई जाएगी। आओ जानते हैं शनिपूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और क्या है पूजा विधि।
 
 
शनि जयंती 2021 जेष्ठ अमावस्या मुहूर्त :
अमावस्या तिथी आरंभ: 14:00:25 (9 जून 2021)
अमावस्या तिथी समाप्ती: 16:24:10 (10 जून 2021)
 
नोट : यह दान-पुण्य, श्राद्ध-तर्पण पिंडदान की अमावस्या भी है। इसी दिन सावित्री व्रत भी रखा जाएगा। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा इसीलिए सूतकाल मान्य नहीं है।
 
 
पूजा का शुभ मुहूर्त : 
 
1. ब्रह्म मुहूर्त: 04:08 एम से 04:56 एम तक रहेगा।
 
2. अमृत काल - 08:08 एम से 09:56 एम तक रहेगा। इस समय में पूजा कर सकते हैं।
 
3. अभिजीत मुहूर्त:- 11:52 एम से 12:48 पीएम तक रहेगा। इस समय में पूजा कर सकते हैं।
 
4. राहु काल 02:04 पीएम से 03:49 पीएम तक है। इसमें पूजा ना करें।
 
घर पर शनिदेव की पूजा कैसे करें: शनि पूजन विधि :
 
1. जिस समय पूजा करना है उससे पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और काले या पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
 
2. अब पूजा घर में तेल का दीपक जलाकर पहले भगवान गणेशजी की पूजा करें। उन्हें हार, फूल और‍ सिंदूर या कंकू चढ़ाकर आरती उतारें।
 
3. फिर भगवान शिव और हनुमाजी को फल और फूल चढ़ाएं और उनकी भी आरती उतारें।
 
4. घर में शनिदेव की प्रतिमा या चित्र नहीं लगाते हैं तो एक पाट पर काला कपड़ा बिछाकर शनिदेव का ध्यान करें। चित्र हो तो पाट पर चित्र रखकर भी ध्यान करे सकते हैं।
 
 
5. चित्र ना हो तो एक सुपारी रखें और उसे ही शनिदेव की मूर्ति मानकर उसका पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि से स्नान करवाएं। 
 
6. फिर उसके दोनों और शुद्ध तेल का दीपक जलाएं, धूप जलाएं और फिर सिंदूर, कुमकुम, काजल, अबीर, गुलाल आदि के साथ-साथ नीले या काले फूल शनिदेव को अर्पित करें। 
 
7. फिर श्री फल के साथ-साथ अन्य फल भी अर्पित कर सकते हैं। तेल, तिल, काला उड़द, इलायची, पान, काला धागा आदि शनि से संबंधित वस्तुएं अर्पित करें। तेल में बनी पुड़ियां, इमरती भी अर्पित करें।
 
 
8. पंचोपचार व पूजन की इस प्रक्रिया के बाद शनि मंत्र की एक माला का जाप करें। माला जाप के बाद शनि चालीसा का पाठ करें। फिर शनिदेव की कपूर से आरती उतार कर पूजा संपन्न करें।
 
9. पूरे दिन उपवास करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें। उपवास के बाद भूलकर भी मांसाहारी भोजन का सेवन ना करें।
 
शनिदेव पूजा के मंत्र :
1.गायत्री मंत्र : ओम शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि।। तन्नो मंद: प्रचोदयात।।
या  ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
 
2.सिद्ध एकाक्षरी मंत्र : मंत्र - ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
 
3.शनिदेव जी का तांत्रिक मंत्र : ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
 
4.शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र : ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

27 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

Health rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की सेहत का हाल, जानिए उपाय के साथ

मार्गशीर्ष माह के हिंदू व्रत और त्योहारों की लिस्ट

अगला लेख