शरद पूर्णिमा पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण, डेट, टाइम, सूतक काल सहित संपूर्ण जानकारी

Webdunia
Chandra Grahan 2023 : 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को शरद पूर्णिमा के दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में कब रखें छत पर दूध और खीर और कब करें पूजा? कब से कब तक लगेगा यह चंद्र ग्रहण और क्या रहेगा इसका सूतक का काल? कौन से नियमों का करें पालन जानिये शरद पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण ही संपूर्ण जानकारी।
ALSO READ: Chandra grahan time: चंद्र ग्रहण भारत में कहां-कहां दिखाई देगा?
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया के अनुसार चंद्र ग्रहण दो प्रकार के होते हैं- खग्रास और खण्डग्रास। जब ग्रहण पूर्णरूपेण दृश्यमान होता है तो उसे खग्रास एवं जब ग्रहण कुछ मात्रा में दृश्यमान होता है तब उसे खण्डग्रास कहा जाता है। यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि के अंतर्गत लगेगा।
 
- 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को खण्डग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा जिसका स्पर्श काल मध्यरात्रि 01 बजकर 05 मिनट से से प्रारंभ होगा और 01 बजकर 44 मिनट पर इसका चरम रहेगा एवं 02 बजकर 03 मिनट पर इसका मोक्ष काल रहेगा। ग्रहण का पर्वकाल 01 घण्टा 08 मिनिट का रहेगा। स्थानीय समय अनुसार समय में घट-बढ़ रहेगी।
ALSO READ: चंद्र ग्रहण का सूतक काल कितने बजे से लगेगा, क्या नहीं करना चाहिए?
- पंडितजी के अनुसार ग्रहण का सूतक दिन के 04 बजकर 05 मिनट से लगेगा जो ग्रहण के समाप्त होने के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
 
- इसी दिन शरद पूर्णिमा रहेगी। शास्त्र अनुसार ग्रहण काल में पूजा निषिद्ध है। अत: शरद पूर्णिमा की पूजा हेतु शास्त्र के निर्देशानुसार निशीथ काल या प्रदोषकाल व्यापिनी पूर्णिमा लेना चाहिए।
 
- दिनांक 27 अक्टूबर 2023 शुक्रवार को त्रयोदशी है एवं चतुर्दशी क्षय तिथि होने से पूर्णिमा दिनांक 27 अक्टूबर को प्रात: 06 बजकर 56 मिनट से प्रारम्भ होगी जो 28 अक्टूबर को रात्रि 08 बजकर 55 तक रहेगी। अत: शास्त्र के निशीथ काल व प्रदोषकाल व्यापिनी के सिद्धांत अनुसार दिनांक 27 को शरद पूर्णिमा की पूजा रात्रि 12 बजे के पश्चात करना श्रेयस्कर रहेगा।
- कुछ ज्योतिष विद्वानों के अनुसार शनिवार शरद पूर्णिमा पर सूतक काल प्रारंभ होने के पूर्व खीर बनाएं। सूतक के पूर्व ही भगवान को नैवेद्य लगाएं। फिर उस खीर में तुलसी-पत्र और कुशा डाल दें। अब रात्रि में खीर को चन्द्रमा की चांदनी में रख दें। इस खीर को ग्रहण के दो घंटे पूर्व हटा लें यानी रात्रि के 11 बजे खीर को हटाकर इसे रख लें और अगले दिन 29 अक्टूबर रविवार को इस खीर का सेवन करें। हालांकि कई जगहों पर 29 अक्टूबर को ही शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। 
ALSO READ: sharad purnima : शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, किस समय करें पूजा?
- कुछ अन्य ज्योतिष विद्वानों के अनुसार शरद पूर्णिमा की खीर चतुर्दशी की रात यानी 27 अक्टूबर शुक्रवार की रात बना लें। फिर 28 अक्टूबर को जब शरद पूर्णिमा की तिथि प्रात: काल 04:17 बजे से शुरू हो तो उस समय उस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख दें। उस दिन नई दिल्ली टाइम के अनुसार चंद्रास्त प्रातः: 05:42 पर होगा। चंद्रास्त के बाद उस खीर को खा सकते हैं। इसके बाद दिन में सूतक काल के पूर्व अभिजीत मुहूर्त में पूजा करें। 
 
- भारत के सभी बड़े शहरों से इस ग्रहण को देखा जा सकता है। भारत के पड़ोस में नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, बर्मा, मंगोलिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, इंडोनेशिया में भी यह दिखाई देगा। यह ग्रहण हिन्द महासागर, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर, एशिया, योरप, अफ्रीका और अमेरिका के अधिकां क्षेत्र में दिखाई देगा।
ALSO READ: Sharad purnima: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, किस समय रखें चंद्रमा की रोशनी में खीर
- इस ग्रहण का मिथुन, कर्क, वृश्चिक एवं कुंभ राशि पर शुभ प्रभाव होगा जबकि सिंह, तुला, धनु, मीन राशि पर मध्यम प्रभाव रहेगा और मेष, वृषभ, कन्या एवं मकर पर इसका अशुभ प्रभाव माना जा रहा है।
 
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस दौरान मूत्र विसर्जन भी नहीं करते हैं।  ग्रहण काल समाप्त होने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए। स्नान के बाद घर की शुद्धि भी करना चाहिए। व्रत की पूर्णिमा करने वाले व्रती अपराह्न 4 बजे के पूर्व भोजन कर लें। ग्रहण के बाद जप, दान और पुण्य का कार्य करना चाहिए।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

अगला लेख