शरद पूर्णिमा के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त और महत्व, तुरंत जानिए यहां

Webdunia
Sharad Purnima 2021 :  शुद्ध चांदनी बरसेगी आंगन में तब शरद पूनम की रात होगी...जानिए मुहूर्त 
 
यूं तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां आती हैं। लेकिन अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को बहुत खास माना जाता है। इसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। 
 
इस बार शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर तारीख को है। शरद पूर्णिमा से ही शरद ऋतु का आगमन होता है। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी से रात्रि में भी चारों और उजियारा रहता है। 
ALSO READ: शरद पूर्णिमा व्रत शुभ मुहूर्त : कब होगा चंद्रोदय, कब से कब तक है पूर्णिमा की तिथि
 
क्या है महत्व : पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बूंदें झरती हैं। पूर्णिमा की रात में जिस भी चीज पर चंद्रमा की किरणें गिरती हैं उसमें अमृत का संचार होता है। 
 
इसलिए शरद पूर्णिमा की रात में खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है। पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखा जाता है सुबह उठकर यह खीर प्रसाद के रुप में ग्रहण की जाती है। चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर खाने से शरीर के रोग समाप्त होते हैं। 
 
शरद पूर्णिमा की रात को लक्ष्मी पूजन का भी बहुत महत्व माना गया है। इस दिन मां लक्ष्मी का आगमन होता है। शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं। 
ALSO READ: Sharad Purnima 2021: शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें, जानिए 17 खास बातें
शरद पूर्णिमा 2021 शुभ मुहूर्त 
19 अ‍क्टूबर 2021, मंगलवार
 
 
तिथि प्रारंभ और अंत :
19 अक्टूबर शाम 7 बजकर 5 मिनट 43 सेकंड से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 
                    20 अक्टूबर को रात्रि 8 बजकर 28 मिनट और 57 सेकंड पर समाप्त 
 
पूजा, अर्चना और मंत्र जाप के शुभ मुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त : प्रात: 11:43 से दोपहर 12:28 तक।
अमृत काल : प्रात: 07:08 से 08:49 तक।
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 04:52 से 05:40 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 01:38 से 02:23 तक।
गोधूलि मुहूर्त : संध्या 05:16 से 05:40 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:18 से 12:08 तक।
 
दिन का चौघड़िया :
लाभ- प्रात: 10:41 से 12:06 तक।
अमृत- दोपहर 12:06 से 01:30 तक।
शुभ- दोपहर 02:54 से 04:19 तक।
 
रात का चौघड़िया :
लाभ- संध्या 07:19 से रात्रि 08:54 तक
शुभ- रात्रि 10:30 से 12:06 तक।
अमृत- रात्रि 12:06 से 01:42 तक।
 
सांयकाल में पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त : शाम 5 बजकर 27 मिनट पर चंद्रोदय के बाद
 
नोट :  स्थानीय पंचांग के अनुसार चंद्रोदय का समय अलग-अलग होता है और तिथि मुहूर्त में भी घट-बढ़ होती है।
ALSO READ: शरद पूर्णिमा का क्या है महत्व, जानिए 10 खास बातें
ALSO READ: शरद पूर्णिमा के दिन करें ये 10 कार्य और ये 10 कार्य कतई न करें

ALSO READ: शरद पूर्णिमा का जाना-माना उपाय: बस 1 दीपक जलाकर हो सकते हैं मालामाल

ALSO READ: कोजागिरी पूर्णिमा व्रत की प्रचलित कथा : जब एक बहन के पुण्य ने बचाया बच्चे को


सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख