Stock Market Crash : 1200 से ज्यादा अंक लुढ़का सेंसेक्स, Zomato, ICICI, SBI और Reliance के शेयरों में गिरावट, 5 Points से समझिए कारण

निफ्टी में 320 से अंकों की गिरावट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 21 जनवरी 2025 (16:41 IST)
why market is down today : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण करने के साथ ही कनाडा और मैक्सिको के लिए व्यापार शुल्क में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की घोषणा से घबराए निवेशकों की स्थानीय स्तर पर जोमैटो, एनटीपीसी, अडानी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और रिलायंस समेत 27 दिग्गज कंपनियों में क़रीब 11 प्रतिशत तक की गिरावट से आज शेयर बाजार में हाहाकार मच गया।
 
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1235.08 अंक अर्थात 1.60 प्रतिशत का गोता लगाकर साढ़े सात महीने के निचले स्तर 76 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 75,838.36 अंक पर आ गया। इससे पहले 06 जून को यह 75,074.51 अंक पर रहा था। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 320.10 अंक यानी 1.37 प्रतिशत लुढ़ककर 23,024.65 अंक पर बंद हुआ।
 
बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर बिकवाली हुई, जिससे मिडकैप 2.00 प्रतिशत टूटकर 43,167.39 अंक और स्मॉलकैप 1.94 प्रतिशत गिरकर 51,714.62 अंक पर आ गया। इस दौरान बीएसई में कुल 4088 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2788 में गिरावट जबकि 1187 में तेजी रही वहीं 113 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई की 2095 कंपनियों में बिकवाली जबकि 715 में लिवाली हुई वहीं 77 में टिकाव रहा।
 
बीएसई के सभी 21 समूहों का रुझान नकारात्मक रहा। इससे रियल्टी 4.22, कमोडिटीज 0.82, सीडी 0.82, ऊर्जा 1.25, एफएमसीजी 0.32, वित्तीय सेवाएं 1.79, हेल्थकेयर 0.96, इंडस्ट्रियल्स 2.11, आईटी 1.16, दूरसंचार 2.52, यूटिलिटीज 2.35, ऑटो 1.68, बैंकिंग 1.81, कैपिटल गुड्स 2.16, कंज्यूमर डयूरेबल्स 3.99, धातु 0.82, तेल एवं गैस 0.69, पावर 2.63, टेक 1.21, सर्विसेज 2.86 और फोकस्ड आईटी समूह के शेयर 1.17 प्रतिशत लुढ़क गए।
विदेशी बाजरों का रुझान मिश्रित रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफ़टीएसई 0.15, जापान का निक्केई 0.32 और हांगकांग का हैंगसेंग 0.91 प्रतिशत चढ़ गया जबकि जर्मनी के डैक्स में 0.15 और चीन के शंघाई कम्पोजिट में 0.05 प्रतिशत की गिरावट रही।

शुरुआती कारोबार में तेजी : शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 188 अंक की तेजी के साथ 77,261.72 अंक पर खुला और दमदार लिवाली की बदौलत दोपहर तक 77,337.36 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। बिकवाली होने से कारोबार के अंतिम चरण में यह 75,641.87 अंक के निचले स्तर तक लुढ़क गया। अंत में पिछले दिवस के 77,073.44 अंक के मुक़ाबले 1.60 प्रतिशत की गिरावट लेकर 75,838.36 अंक पर आ गया।
 
निफ्टी भी नीचे : इसी तरह निफ्टी भी 77 अंक बढ़कर 23,421.65 अंक पर खुला और सत्र के दौरान 23,426.30 अंक के उच्चतम जबकि 22,976.85 अंक के निचले स्तर पर रहा। अंत में पिछले सत्र के 23,344.75 अंक की तुलना में 1.37 प्रतिशत कमजोर रहकर 23,024.65 अंक पर बंद हुआ।
 
इन कंपनियों के गिरे शेयर : इस दौरान सेंसेक्स की एचसीएल टेक और अल्ट्रासिमको की 0.76 प्रतिशत तक की तेजी को छोड़कर शेष कंपनियों में गिरावट रही। जोमैटो ने सबसे अधिक 10.92 प्रतिशत का नुक़सान उठाया। इसी तरह अडानी पोर्ट्स 3.74, एनटीपीसी 3.51, आईसीआईसीआई बैंक 2.98, एसबीआई 2.57, रिलायंस 2.46, महिंद्रा 2.17, बजाज फाइनेंस 2.03, टेक महिंद्रा 2.00, एक्सिस बैंक 1.87, टाटा मोटर्स 1.84, टाटा स्टील 1.52, कोटक बैंक 1.36, पावरग्रिड 1.35, बजाज फिन सर्व 1.10, इंडसइंड बैंक 1.06 और टीसीएस के शेयर 1.04 प्रतिशत गिर गए। इनके अलावा भारती एयरटेल 0.93, एशियन पेंट 0.90, एलटी 0.87, मारुति 0.79, इंफ़ोसिस 0.74, सन फार्मा 0.69, नेस्ले इंडिया 0.61, एचडीएफसी बैंक 0.58, टाइटन 0.51, हिंदुस्तान यूनिलीवर 0.21 और आईटीसी के शेयर 0.11 प्रतिशत कमजोर रहे।

1. डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। उनकी वीजा नीतियों का असर भारतीय तकनीकी क्षेत्र पर भी पड़ सकता है। ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत पर भी उनकी टेढ़ी नजर है। इसका असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिला। 
 
2. भारतीय अर्थव्यस्था में कमजोरी के संकेत 
भारतीय अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं, जिससे बाजार में सतर्कता का माहौल है। जीडीपी की रफ्तार सुस्त होकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। बाजार में मांग में वृद्धि नहीं है। यह भी बाजार की धारणा को प्रभावित कर रहा है।
 
3. बजट को लेकर सतर्कता का रुख 
1 फरवरी को देश का बजट पेश होगा। ट्रंप के बाद अब निवेशकों की नजर बजट पर है। उम्मीदों में कोई भी निराशा पहले से ही कमजोर बाजार की धारणा को और झटका दे सकती है। इसका असर भी बाजार पर हुआ। 
 
4. तिमाही के कमजोर नतीजे
कंपनियों की पहली और दूसरी तिमाही की आय में कमी के बाद, दिसंबर तिमाही की आय में भी अब तक कोई खास सुधार नहीं हुआ है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में मिश्रित रुझान देखने को मिले हैं।
 
5.  विदेश निवशकों की बिकवाली
अमेरिकी डॉलर में मजबूती और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाला जा रहा है। यह हाल के महीनों में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है। Edited by : Sudhir Sharma

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