Dharma Sangrah

Shradh Paksha 2025: श्राद्ध कर्म नहीं करने पर आती है 8 तरह की समस्याएं, तर्पण करना इसलिए है जरूरी

WD Feature Desk
मंगलवार, 9 सितम्बर 2025 (13:12 IST)
वेदों के पांच यज्ञों में से एक है पितृयज्ञ। इसे ही पुराणों में श्राद्ध कर्म कहा गया है। श्राद्ध कर्म करने से अतृप्त पितरों को तृप्ति मिलती है और वे तृप्त होकर श्राद्ध कर्म करने वाले को आशीर्वाद देते हैं। तृप्त होकर वे अपने लोक परलोक की यात्रा पर निकल जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार अतृप्त आत्माएं भटकती रहती है। खासकर वहां जहां से उसे लगाव रहता हैं। आत्माएं उन्हीं से मुक्ति की आशा करती हैं जो कि उनके कुल के होते हैं। यदि उनकी आशा पूरी नहीं होती है तो वे जीवन में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न करके उन्हें उनके होने का अहसास दिलाती रहती हैं। इसलिए श्राद्ध कर्म करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।
 
शास्त्रों में मृत व्यक्ति के दाहकर्म के पहले ही पिण्ड-पानी के रूप में खाने-पीने की व्यवस्था कर दी गई है। यह तो मृत व्यक्ति की इस महायात्रा में रास्ते के भोजन-पानी की बात हुई। परलोक पहुंचने पर भी उसके लिए वहां न अन्न होता है और न पानी। यदि सगे-संबंधी भी अन्न-जल न दें तो भूख-प्यास से उसे वहां बहुत ही भयंकर दु:ख होता है। आश्विनमास के पितृपक्ष में पितरों को यह आशा रहती है कि हमारे पुत्र-पौत्रादि हमें अन्न-जल से संतुष्ट करेंगे; यही आशा लेकर वे पितृलोक से पृथ्वीलोकपर आते हैं लेकिन जो लोग पितर हैं ही कहां? यह मानकर उचित तिथि पर जल व शाक से भी श्राद्ध नहीं करते हैं, उनके पितर दु:खी व निराश होकर शाप देकर अपने लोक वापिस लौट जाते हैं। इसके बाद इस अभिशप्त परिवार को जीवन भर कष्ट-ही-कष्ट झेलना पड़ता है।
 
1. अमंगल: मार्कण्डेयपुराण में बताया गया है कि जिस कुल में श्राद्ध नहीं होता है, उसमें दीर्घायु, निरोग व वीर संतान जन्म नहीं लेती है और परिवार में कभी मंगल नहीं होता है।
 
2. पितृदोष: श्राद्ध नहीं करने से पितृ दोष भी निर्मित होता है। अगर पितरों को श्राद्ध के माध्यम से तर्पण और भोजन नहीं मिलता, तो वे असंतुष्ट होकर लौट जाते हैं। इससे परिवार में पितृ दोष लगता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। 
 
3. आर्थिक समस्या: श्राद्ध कर्म नहीं करने से धन की हानि या आय में रुकावट आती है। 
 
4. पारिवारिक कलह: परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े और मनमुटाव।
 
5. संतान संबंधी समस्याएं: संतान प्राप्ति में बाधा या बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर परेशानी।
 
6. स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें: घर के सदस्यों का बार-बार बीमार पड़ना।
 
7. अशुभता: माना जाता है कि श्राद्ध न करने से जीवन में अशुभता आती है। जिस कार्य में भी हाथ डाला जाए, उसमें सफलता नहीं मिलती। व्यक्ति के जीवन में लगातार संघर्ष बना रहता है।
 
8. शुभ कार्यों में बाधा: ऐसी मान्यता है कि पितरों का आशीर्वाद न मिलने पर विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य भी बाधित हो सकते हैं या उनमें देरी हो सकती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh vakri gochar 2025: बुध ग्रह ने चली वक्री चाल, जानिए क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

Vivah Panchami upaay : विवाह पंचमी पर किए जाने वाले 5 मुख्य उपाय

Dreams and Destiny: सपने में मिलने वाले ये 5 अद्‍भुत संकेत, बदल देंगे आपकी किस्मत

Sun Transit 2025: सूर्य के वृश्‍चिक राशि में जाने से 5 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Margashirsha Month 2025: आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं तो मार्गशीर्ष माह में करें ये 6 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

Budh in tula rashi: बुध का तुला राशि में वक्री गोचर: 3 राशियों को मिलेगी विशेष सौगात

Lal Kitab Vrishabha Rashifal 2026: वृषभ राशि (Taurus)- शनि और गुरु मिलकर देंगे रोग-शत्रुओं से मुक्ति, पर उपाय जानना है जरूरी

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (18 नवंबर, 2025)

18 November Birthday: आपको 18 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 18 नवंबर, 2025: मंगलवार का पंचांग और शुभ समय

अगला लेख