आज है चौथा श्राद्ध, जानिए इस दिन क्या करें खास

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इ स बार पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा। आओ जानते हैं कि पितृ पक्ष के पांचवें दिन के चतुर्थ श्राद्ध ( chaturthi shradh 2021 ) के दिन क्या करें।
 
 
चतुर्थ श्राद्ध : जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) चतुर्थी तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है। चतुर्थी तिथि 24 सितंबर को प्रात: 08 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगी। अभिजीत, कुतुप या रोहिणी मुहूर्त में श्राद्ध करते हैं। अभिजीत मुहूर्त 11:48:52 से 12:37:15 तक रहेगा।
 
1. जिन जातकों की अकाल मृत्यु हुई होती है उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करना चाहिए।
 
2. चतुर्थी या पंचमी तिथि में उनका श्राद्ध किया जाता है जिसकी मृत्यु गतवर्ष हुई है।
 
3. चतुर्थी (चौथ) के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। इस तिथि का नाम 'खला' है और यह  तिथि 'रिक्ता संज्ञक' कहलाती है। अतः इसमें शुभ कार्य वर्जित रहते हैं।

 
 
5. इसके बाद पिता से प्रारंभ करके पूर्वजों के जहां तक नाम याद हों वहां तक के पितरों के नामोच्चारण करके स्वधा शब्द से अन्न और जल अर्पित करें। इस दिन भगवान विष्णु और यम की पूजा करें। इसके बाद तर्पण कर्म करें।
 
6. पितृ के निमित्त लक्ष्मीपति का ध्यान करके गीता का तीसरा अध्याय का पाठ करें।
 
7. पिर श्राद्ध में कढ़ी, भात, खीर, पुरी और सब्जी का भोग लगाते हैं। पितरों के लिए बनाया गया भोजन रखें और अंगूठे से जल अर्पित करें।
 
8. इसके बाद भोजन को गाय, कौवे और फिर कुत्ते और चीटियों को खिलाएं।
 
9. तृतीय श्राद्ध में चार ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। उन्हें शक्कर, वस्त्र, चावल और यथाशक्ति दक्षिणा देकर उन्हें तृप्त करें।
 
10. इस दिन गृह कलह न करें, चरखा, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसो का साग, चना आदि वर्जित माना गया है। कोई यदि इनका उपयोग करना है तो पितर नाराज हो जाते हैं। शराब पीना, मांस खाना, श्राद्ध के दौरान मांगलिक कार्य करना, झूठ बोलना और ब्याज का धंधा करने से भी पितृ नाराज हो जाता हैं।

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